शिक्षकों के तबादले तो होंगे लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या बांदा और प्रयागराज के इन स्कूलों की तरह यूपी भर के सैकड़ों राजकीय विद्यालयों में कई साल से चली आ रही शिक्षकों की कमी दूर होगी।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में वार्षिक स्थानान्तरण सत्र 2024-25 के तहत तबादले की कवायद शुरू हो गई है। हर साल की तरह इस बार शिक्षकों के तबादले तो होंगे लेकिन बड़ा सवाल है कि क्या बांदा और प्रयागराज के इन स्कूलों की तरह प्रदेशभर के सैकड़ों राजकीय विद्यालयों में कई साल से चली आ रही शिक्षकों की कमी दूर होगी।
अधिक शिक्षकों की आवश्यकता
एक तरफ राजकीय स्कूलों से टॉपर निकालने की बातें होती है लेकिन उसके लिए जो सबसे अधिक आवश्यक हैं शिक्षक, उनकी संख्या ही पूरी नहीं हो पाती। एक ओर शहरी सीमा के स्कूलों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सालों से शिक्षकों की कमी बनी हुई है। राजकीय शिक्षक संघ पांडेय गुट के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद पांडेय का कहना है कि जब तक स्कूलों में शिक्षकों की समुचित तैनाती नहीं होगी परिणाम पर बात करना बेमानी है।
इन जगहों पर शिक्षकों पर है इतनी जिम्मेदारी
राजकीय इंटर कॉलेज पैलानी बांदा में एक एलटी ग्रेड शिक्षक और प्रिंसिपल के ऊपर से 1300 से अधिक बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है। यहां एलटी के 11 और प्रवक्ता के 10 पद खाली हैं। जीआईसी कालिंजर बांदा में पांच एलटी ग्रेड शिक्षकों के ऊपर 850 बच्चों की जिम्मा है। यहां प्रवक्ता के 11 और एलटी के सात पद खाली हैं। पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय इंटर कॉलेज ऊंचाडीह चित्रकूट में चार प्रवक्ता और पांच एलटी ग्रेड शिक्षकों के ऊपर 350 बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी है।
यहां भी शिक्षकों का आभाव
जीजीआईसी शंकरगढ़ प्रयागराज में लगभग 800 छात्राएं पंजीकृत हैं। यहां प्रवक्ता के 10 में से भौतिक, रसायन, गणित व अंग्रेजी विषय समेत पांच पद खाली हैं। एलटी ग्रेड शिक्षकों के 12 में से पांच खाली हैं। इसी प्रकार जीजीआईसी नारीबारी में 600 से अधिक छात्राओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी सात प्रवक्ता और तीन एलटी ग्रेड शिक्षिकाओं के ऊपर है। यहां प्रवक्ता गणित, भौतिक व बायो के तीन और एलटी ग्रेड शिक्षकों के चार पद खाली है।