लखनऊ: यूपी में योगी ‘बाबा’ का जलवा बरकरार है। दरअसल, सूत्रों से खबर आ रही है कि बीजेपी संगठन और योगी सरकार के बीच तनातनी का प्रकरण खत्म हो गया है। योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने रहेंगे और 27वां चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। यूपी की राजनीति से एक और बड़ी खबर यह है कि केंद्रीय नेतृत्व डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बयानों से खुश नहीं है।
ऐसे में आज उन्हें पार्टी फोरम में ही अपनी बात रखने की हिदायत दी गई है। इतना ही नहीं, केंद्रीय नेतृत्व दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और बृजेश पाठक के कामकाज पर भी मंथन कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बाद में दोनों के बारे में फैसला लिया जा सकता है। बता दें कि शुक्रवार को जयपुर में भूपेंद्र चौधरी ने साफ कर दिया था कि यूपी में चेहरा बदलने की कोई गुंजाइश नहीं है।
योगी ही हैं ‘उपयोगी’ योगी की यूपी पर ‘रिपोर्ट’
- 20 दिनों तक विधायकों के साथ मंथन
- विभागवार विधायकों से की बैठक
- सीएम ने भाजपा सांसदों से भी की मुलाकात
- जनप्रतिनिधियों से लिया फीडबैक
- शिकायतों पर कार्रवाई का दिया भरोसा
- लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई
- लोकसभा चुनाव का विश्लेषण
- चुनाव के लिए जुटने को कहा
कैसे दिल्ली पहुंचा विवाद- ‘सबको साथ चलना होगा’
दरअसल सरकार और संगठन के बीच चल रही खींचतान तब खुलकर सामने आ गई जब 15 जुलाई को कार्यसमिति की बैठक में सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद के सुर अलग-अलग रहे। सीएम योगी ने सबको साथ चलने को कहा तो केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार से बड़ा संगठन है। सीएम योगी ने बैकफुट पर न आने की बात कही तो मौर्य ने कहा कि संगठन था और हमेशा रहेगा। इसके बाद योगी ने साफ संदेश दिया कि 27 पर एक भी खरोंच आई तो सब पर असर पड़ेगा। दिल्ली में यूपी के नेताओं को एक साथ बैठाकर यह साफ कर दिया गया है कि सबको साथ मिलकर चलना होगा। कोई टकराव वाली बयानबाजी नहीं होनी चाहिए। सब मिलकर काम करेंगे।