नीट यूजी पेपर लीक मामला: पटना नीट पेपर लीक मामले में आरोपियों की नेटवर्क मैपिंग से सीबीआई को कई जानकारियां मिली हैं। सीबीआई ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। एजेंसी अब आरोपियों के करीबी लोगों पर शिकंजा कसेगी। अब सीबीआई आरोपियों के रिश्तेदारों के बैंक खातों की जांच करेगी। इस बात की भी जांच की जाएगी कि परिवार की कितनी आय है और उन्होंने उस मद में कितना खर्च किया है। आपको बता दें कि सीबीआई ने जिन आरोपियों को रिमांड पर लिया है, उनकी रिमांड अवधि 4 जुलाई को खत्म हो रही है।
छात्रों से भी की गई पूछताछ
सीबीआई ने अपनी जांच में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनसे उसे पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के बारे में कई जानकारियां मिली हैं। सीबीआई जांच में गोधरा के एक स्कूल के ट्रस्टी को भी हिरासत में लिया गया है। महाराष्ट्र के लातूर का मामला भी सीबीआई ने अपने हाथ में ले लिया है। सीबीआई की टीम बेऊर जेल में बंद 13 आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने हजारीबाग के स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक के बैंक डिटेल की भी जांच की है। दो अन्य आरोपियों की कॉल डिटेल भी खंगाली गई है। इसके अलावा गोधरा सेंटर से नीट परीक्षा देने वाले छात्रों से भी सीबीआई ने पूछताछ की है।
पटना से हजारीबाग तक गिरफ्तारियां
नीट घोटाले की सबसे तेज जांच पटना में हो रही है। यहां तक कि स्कूल के शिक्षक और प्रिंसिपल भी इस जाल में फंसे हैं। हजारीबाग से लेकर पटना तक गिरफ्तारियां हुई हैं और सभी ने अब तक दो नाम बताए हैं। संजीव मुखिया और सिकंदर यादवेंदु। पटना में कार्रवाई हो रही है लेकिन मुखिया अभी भी फरार है। सीबीआई अब एहसान उल हक और इम्तियाज आलम से हर राज उगलवाने की कोशिश करेगी। आशंका है कि दोनों संजीव मुखिया गिरोह से जुड़े थे और पेपर लीक करने में शामिल थे। संजीव मुखिया ने ओएसिस स्कूल को आसान टारगेट के तौर पर चुना। मुखिया का हजारीबाग और नालंदा में अच्छा नेटवर्क है। और इसकी मदद से उसने पेपर पटना तक पहुंचाया।