चुनाव परिणाम: मंगलवार को भारत में आए चुनाव नतीजों पर विदेशी मीडिया ने कई तरह से प्रतिक्रिया दी है। जहां एक ओर पाकिस्तानी अखबारों ने नतीजे पर खुशी जताई है, वहीं दूसरी ओर चीन ने चुटकी ली है। जबकि अमेरिकी मीडिया ने साफ कहा कि इससे पीएम नरेंद्र मोदी की अपने सहयोगियों पर निर्भरता बढ़ जाएगी।
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सबसे बड़ा गठबंधन बनकर उभरा है। जो बहुमत के आंकड़े 272 को पार कर गया है। हालाँकि, भाजपा का दावा है कि पार्टी अपने दम पर 370 सीटें जीतेगी और अपने सहयोगियों के साथ 400 से अधिक सीटें जीतेगी, जो लक्ष्य से बहुत कम है। इस बात की प्रबल संभावना है कि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बनेंगे। इस चुनाव के नतीजों पर विदेशी मीडिया ने दिलचस्प प्रतिक्रियाएं दी हैं। सबसे ज्यादा खुशी पाकिस्तान और चीन की मीडिया में देखी गई है। वहीं अमेरिकी मीडिया ने इस पर संतुलित राय दी है।
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’, अखबार लिखता है, तीसरा कार्यकाल किसी काम का नहीं
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की वेबसाइट ने भारतीय चुनावों को व्यापक कवरेज दी है। इसके एक लेख में कहा गया कि भारत की वोटों की गिनती में पीएम मोदी के गठबंधन ने आश्चर्यजनक रूप से कम अंतर से जीत हासिल की है। बीजेपी तो अयोध्या में ही हार गई, जहां राम मंदिर का उद्घाटन हुआ। इस बीच राहुल गांधी के इस बयान को भी महत्व दिया जा रहा है कि मतदाताओं ने बीजेपी को सजा दी है। डॉन ने यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्रवादियों के लिए मोदी की तीसरी जीत से भारत के मुसलमानों में फिर से डर पैदा हो जाएगा। एक लेख में विस्तार से बताया गया है कि पीएम मोदी का तीसरा कार्यकाल दुनिया के लिए क्या मायने रखता है।
चीन के ‘ग्लोबल टाइम्स’ आर्थिक सुधार बनेगा दीवार
चीन के ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने कहा कि मोदी के गठबंधन को मामूली अंतर से जीत मिली है। अब उनके तीसरे कार्यकाल में आर्थिक सुधार एक कठिन मिशन बन जाएगा। चीन के विशेषज्ञों ने कहा कि चीनी विनिर्माण के साथ प्रतिस्पर्धा करने और भारत के कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने की मोदी की महत्वाकांक्षा को पूरा करना अब मुश्किल होगा। वहीं ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कहा, नतीजों से बीजेपी के लिए समर्थन कम हो गया है। जिसने दशकों में सबसे प्रभावशाली भारतीय राजनेता मोदी की अदम्य छवि को नुकसान पहुंचाया है।
भाजपा को युवाओं जोड़ना होगा
‘द गार्जियन’ ने कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आने के लिए तैयार दिख रहे हैं। लेकिन चुनाव नतीजे बताते हैं कि उन्हें बड़ी जीत नहीं मिली। विपक्षी गठबंधन उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन करता नजर आया। वहीं ‘टाइम्स’ ने लिखा है कि, पीएम मोदी के खराब प्रदर्शन के राजनीतिक परिणाम होंगे। कम से कम, भाजपा को अपने मौजूदा बहुदलीय गुट के युवा सदस्यों पर अधिक निर्भर रहना होगा। उनमें से दो मोदी के ‘हिंदू-प्रथम’ एजेंडे का समर्थन नहीं करते हैं। वहीं ‘अल जजीरा’ ने लिखा है कि भारत में हुए चुनाव में पीएम मोदी की बीजेपी ने बहुमत खो दिया है। सरकार बनाने के लिए उसे सहयोगियों की जरूरत है। एग्जिट पोल को धता बताते हुए विपक्षी दलों ने प्रमुख राज्यों में भाजपा को चौंका दिया, जिससे भारत का राजनीतिक परिदृश्य बदल गया।