भारत ने वैश्विक राजनीतिक मंच पर लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, तीसरे कार्यकाल की ओर मोदी सरकार

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नई दिल्ली। भारत ने वैश्विक राजनीतिक मंच पर लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में उन्हें एक प्रमुख भूमिका मिलना निश्चित है। मोदी ने हमेशा खुद को ग्लोबल-साउथ के प्रवक्ता के रूप में प्रचारित किया है। चूंकि अब उन्हें पांच साल और मिल गए हैं, इसलिए वह अब दुनिया के सबसे सक्षम और शक्तिशाली नेताओं में से एक हैं। भले ही उनकी पार्टी को संसद में बहुमत नहीं मिला, लेकिन वह दुनिया के वरिष्ठ नेताओं में से एक बन गए हैं।

नरेंद्र मोदी शारीरिक रूप हैं फिट

विश्लेषकों का कहना है कि 73 साल की उम्र में भी नरेंद्र मोदी शारीरिक रूप से फिट हैं। वे अब इस बात पर जोर देंगे कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा समिति में स्थायी सदस्यता दी जाए। हर्ष वी।, किंग्स कॉलेज – लंदन में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर। पंत आगे कहते हैं, ‘उनकी अपने लिए और भारत के लिए बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं। वे (भारत की) विरासत से समझौता नहीं करेंगे। मोदी दुनिया के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक बन गए हैं, उन्होंने लगातार तीन चुनाव जीते हैं।

भारत घरेलू स्थिति को कर रहा मजबूत

भारत को खुद से ज्यादा अपने सहयोगियों की चिंता है। इसीलिए अमेरिका और यूरोपीय देश मोदी को चीन का तोड़ मान रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों की यह स्पष्ट राय है। वे भारत की वैश्विक प्रतिभा का लाभ उठाकर भारत की घरेलू स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। इसके अलावा पिछले साल जी-20 देशों के अध्यक्ष के तौर पर उनकी प्रतिभा विदेशों में भी दिखने लगी है। उन्होंने 2023 में क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी की और अब भारत में 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका और यूरोप: अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत भी क्वाड समूह का सदस्य है। इस प्रकार यह इंडो-पैसिफिक में चीन की बढ़ती दादागिरी को रोक रहा है।

मोदी के प्रयासों जी-20 संघ का सदस्य बना

राष्ट्रपति जो बिडेन ने पिछले साल नरेंद्र मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी की थी और भारत-अमेरिका संबंधों को 21वीं सदी की निर्णायक साझेदारी बताया था। अमेरिका में हत्या की कोशिश करने वाले भारतीय को ढूंढने में भारत के अपने खुफिया तंत्र ने मदद की। चीन: भारत और चीन दोनों शंघाई सहयोग फोरम के सदस्य हैं, लेकिन दोनों के बीच संबंध फिलहाल तनावपूर्ण हैं। ग्लोबल-साउथ: भारत ग्लोबल साउथ की एक मजबूत आवाज बन रहा है। पिछले साल भारत ने ग्लोबल साउथ समिट का आयोजन किया था। प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से अफ्रीकी संघ जी-20 शिखर सम्मेलन का सदस्य बन गया है।

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