लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव परिणाम 2024: 22 जनवरी को रामलला को अयोध्या में नए राम मंदिर में विराजमान किया गया। इसके बाद यह दावा किया जाने लगा कि देशभर में रामलता आ गई है। लेकिन अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन ने बीजेपी को जन्म दिया। वहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद बीजेपी समर्थकों की ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं।
रामलाल की जन्मस्थली अयोध्या लोकसभा क्षेत्र में आती है बीजेपी के इस समय पूरे देश में इस हार की चर्चा हो रही है। 22 जनवरी को अयोध्या में नए राम मंदिर में रामलला विराजमान किए गए। इसके बाद यह दावा किया जाने लगा कि देशभर में रामलता आ गई है। लेकिन अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन की वजह से बीजेपी को उठाया। वहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार के बाद बीजेपी समर्थकों की ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। तथा फैजाबाद लोकसभा क्षेत्रों से आ रहे आंकड़ों से अलग तस्वीर सामने आती है। मिली जानकारी के मुताबिक, अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को बढ़त मिल गई है।
अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 1 लाख 4 हजार 671 वोट मिले हैं। समाजवादी पार्टी को 1 लाख 4 हजार वोट मिले हैं। इस तरह अयोध्या से बीजेपी प्रत्याशी को 4 हजार 667 वोटों की बढ़त मिल गई है। लेकिन इसमें अयोध्या भी शामिल है फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के नतीजे को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र किसको कितने वोट
1- अयोध्या विधानसभा क्षेत्र
समाजवादी पार्टी- 1 लाख 4
बीजेपी – 1 लाख 4 हजार 671
2 – रुदौली लोकसभा क्षेत्र
समाजवादी पार्टी- 1 लाख 4 हजार 113
बीजेपी 92 हजार 410
3 – मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र
समाजवादी पार्टी – 95 हजार 612
बीजेपी 87 हजार 879
4 – विकासपुर विधानसभा क्षेत्र
समाजवादी पार्टी – 1 लाख 22 हजार 543
बीजेपी – 92 859
5) दरियाबाद लोकसभा क्षेत्र
समाजवादी पार्टी – 1 लाख 31 हजार 277
बीजेपी – 1 लाख 21 हजार 183
ये है अयोध्या का जातीय समीकरण
इस बार के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी की हार की सबसे बड़ी वजह यहां का जातीय समीकरण है। अयोध्या में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे ज्यादा है। ओबीसी की संख्या 22 फीसदी है। दलितों की संख्या 21 फीसदी है। इसके अलावा मुसलमानों की संख्या भी 18 फीसदी है। इन तीनों का आंकड़ा मिलाकर 50 फीसदी से ज्यादा है। इस मौके पर ओबीसी मतदाताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। साथ ही दलित वोटरों और मुस्लिम यादव वोटरों का एकजुट होकर वोट करना भी बीजेपी की हार का कारण बना।