मुंबई। हाल ही में सिनेमाघरों में एक फिल्म बैड न्यूज रिलीज हुई है जिसमें अभिनेत्री तृप्ति डिमरी, विक्की कौशल और एमी विर्क मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं। इस फिल्म की कहानी अभिनेत्री के जुड़वा बच्चों की है जिनके पिता एक नहीं बल्कि दोनों अभिनेता अलग-अलग हैं। इस तरह की स्वास्थ्य स्थिति पर शायद ही कोई यकीन कर पाए लेकिन मेडिकल साइंस में ऐसा होना संभव है, यह दुर्लभ नहीं है और इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है, यह विषय अनोखा हो सकता है लेकिन असल में दो जुड़वा बच्चों की मां एक हो सकती है लेकिन पिता दो अलग-अलग व्यक्ति हो सकते हैं।
हेटेरोपेटेरनल सुपरफेकंडेशन क्या है
मेडिकल साइंस के इस तथ्य को बताते हुए डॉक्टर कहते हैं कि हेटेरोपेटेरनल सुपरफेकंडेशन नामक एक मेडिकल स्थिति होती है। दुनिया में इसके मामले करीब 2 से 3 प्रतिशत देखे गए हैं, इससे यह माना जा सकता है कि इस स्थिति में जुड़वा बच्चों के पिता भी दो होते हैं।
कैसे होती है यह स्थिति?
मेडिकल साइंस में हेटरोपैटरनल सुपरफेकंडेशन की स्थिति को समझें तो सफदरजंग अस्पताल में गायनोकोलॉजी डिपार्टमेंट की डॉ। सलोनी बताती हैं कि आमतौर पर महिला के शरीर में ओव्यूलेशन (महिला के अंडाशय से अंडे का निकलना) के दौरान एक अंडा निकलता है और जब यह पुरुष के शुक्राणु से मिलता है तो महिला गर्भवती हो जाती है। इस स्थिति में गर्भ में एक ही बच्चा होता है। कुछ मामलों में अंडाशय से 2 अंडे निकलते हैं और दोनों ही शुक्राणु से निषेचित हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में महिला को जुड़वाँ बच्चे होते हैं।
ऐसा हो सकता है
ऐसा कहा जाता है कि जब कोई महिला ओव्यूलेशन के दौरान दो पुरुषों के साथ सेक्स करती है तो उसके शरीर में दोनों पुरुषों के शुक्राणु मौजूद होते हैं, अगर इस दौरान दो अंडे निकलते हैं और दोनों अंडे शुक्राणु से निषेचित हो जाते हैं तो जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैं। इन दोनों बच्चों के पिता भी अलग-अलग होते हैं। इसमें एक पुरुष के शुक्राणु से एक बच्चा पैदा होता है और दूसरे पुरुष के शुक्राणु से दूसरा बच्चा पैदा होता है। अमेरिका में ऐसे मामले देखे गए हैं, भारत में इसका कोई सबूत नहीं मिला है।
जुड़वां बच्चों का डीएनए अलग हो सकता है
इस स्वास्थ्य स्थिति में जब कोई महिला गर्भवती होती है और जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैं, तो उनका डीएनए भी अलग होता है। एक डीएनए एक पिता का होता है और दूसरा डीएनए दूसरे पिता का। इसमें महिला से पैदा होने वाले बच्चों का चेहरा भी अपने पिता से मिलता-जुलता हो सकता है। अगर कोई दंपत्ति बच्चों के जन्म के बाद डीएनए टेस्ट करवाता है, तो इसका आसानी से पता लगाया जा सकता है।