लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को लोकभवन में कैबिनेट की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई योजनाओं और यूपी के विकास से जुड़े प्रस्तावों पर मुहर लगी है। इसमें अयोध्या में मंदिर संग्रहालय बनाने को लेकर भी पेश प्रस्ताव पर मुहर लगी। इसके अनुसार टाटा कंपनी इस संग्रहालय को बनाएगी। इसी के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में अयोध्या में मंदिर संग्रहालय के निर्माण को लेकर कवायद तेज होगी। इस संग्रहालय के आकार लेते ही अयोध्या में केवल श्रीराम का भव्य मंदिर ही आस्थावानों के केंद्र में नही होंगा, बल्कि मंदिर संग्रहालय के जरिए भारत के सभी प्राचीन बड़े मंदिरों के दर्शन भी अयोध्या में हो सकेंगे।
650 करोड़ से मंदिर में बनगा संग्रहालय
बता दें कि बैठक में अयोध्या में मन्दिर संग्रहालय बनाने को लेकर प्रस्ताव पर मुहर लगाते हुए कहा गया कि टाटा कंपनी 650 करोड़ से मंदिर संग्रहालय बनाएगी। इसके अलावा इसमें 100 करोड़ अन्यों काम पर खर्च होंगे। संग्रहालय बनाने के लिए पर्यंटन विभाग जमीन देगा। योगी सरकार देशभर के मंदिरों की गौरवगाथा को प्रदर्शित करने वाला विशाल संग्रहालय बनाएगी। सरयू किनारे तकरीबन 50 एकड़ में बनने वाले मंदिर संग्रहालय के लिए जमीन की तलाश तेज हो गई है। इस भव्य मंदिर संग्रहालय का निर्माण देश की मशहूर वास्तुकार वृंदा सुमाया की देखरेख में होगा।
वास्तुकला को दर्शाने वाली विशिष्ट संग्रहालय का होगा निर्माण
भारतीय मंदिरों का महात्म्य और उनकी शानदार वास्तुकला को दर्शाने वाले इस विशिष्ट संग्रहालय का निर्माण करने के पीछे योगी सरकार की मंशा है कि इनके जरिए सनातन संस्कृति के महत्व से दुनिया खासकर युवाओं को परिचित कराया जाए। किसी मंदिर का किसी खास स्थान पर क्यों निर्माण हुआ और उनके निर्माण के पीछे का दर्शन क्या रहा, इसके बारे में युवा पीढ़ी को अवगत कराने के उद्देश्य से ही अयोध्या में मंदिर संग्रहालय का निर्माण होगा। इसमें प्राचीन भारत की टेक्नोलॉजी के साथ ही पूजा-पद्धति और उनके महत्व को सामने लाया जाएगा।