हल्दीराम, जो भारत की सबसे बड़ी नमकीन और मिठाई बनाने वाली कंपनी है, को हाल ही में तीसरा निवेश प्रस्ताव मिला है। इस बार टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट की यूनिट, अल्फा वेव ग्लोबल ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक का बाइंडिंग ऑफर दिया है। यह निवेश प्रस्ताव भारत के सबसे बड़े निजी इक्विटी ट्रेड्स में से एक हो सकता है। इस से पहले, ब्लैकस्टोन और बेन कैपिटल जैसी बड़ी कंपनियों ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रस्ताव दिए थे।
क्यों पीछे पड़ी हैं बड़ी कंपनियां?
देश में हल्दीराम जैसे प्रतिष्ठित और लाभकारी बिजनेस में निवेश करने की होड़ लगी हुई है, लेकिन इसके बावजूद कई बड़ी कंपनियां, जैसे ब्लैकस्टोन और बेन कैपिटल, हल्दीराम की प्रमोटर अग्रवाल फैमिली के साथ बातचीत में पीछे पड़ी हैं। इसका कारण यह है कि अग्रवाल फैमिली को अब कंपनी के कंट्रोलिंग स्टेक को बेचने के बजाय माइनोरिटी स्टेक बेचने का विचार अधिक आकर्षक लग रहा है। यही कारण है कि विभिन्न निवेशकों और कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है।
क्या है अल्फा वेव का प्रस्ताव?
अल्फा वेव ग्लोबल, जो पहले फाल्कन एज के नाम से जानी जाती थी, ने हल्दीराम में हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1 अरब डॉलर से अधिक का बाइंडिंग ऑफर दिया है। इस प्रस्ताव ने बहुतों को चौंका दिया है क्योंकि अब तक अल्फा वेव ने भारत में मुख्य रूप से कंज्यूमर टेक्नोलॉजी कंपनियों में निवेश किया है। हाल ही में उसने वीएलसीसी जैसी कंपनियों में भी निवेश किया है, जिससे यह स्पष्ट है कि कंपनी अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने की कोशिश कर रही है।
हल्दीराम का कारोबार
हल्दीराम के व्यापार की वैल्यू को 75,000-80,000 करोड़ रुपये ($8.8- $9.4 अरब) आंका गया है। वित्तीय वर्ष 2024 में हल्दीराम का रेवेन्यू लगभग 12,800 करोड़ रुपये और एबिटा 2,580 करोड़ रुपये था, जबकि कंपनी ने इस दौरान 1350-1400 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट भी कमाया था। ये आंकड़े कंपनी की वित्तीय मजबूती और संभावित निवेशकों के लिए आकर्षण का कारण बने हैं।
निवेश की संभावनाएं
विभिन्न निवेशक समूहों ने हल्दीराम के लगभग एक चौथाई हिस्सेदारी या मैनेजमेंट राइट्स पर विचार किया है, जो संभावित रूप से 11,250 करोड़ रुपये से लेकर 18,750 करोड़ रुपये तक हो सकता है।
निष्कर्ष:
हल्दीराम की भारी वैल्यूएशन और मजबूत वित्तीय प्रदर्शन के कारण बड़ी कंपनियां इसको लेकर उत्साहित हैं, लेकिन प्रमोटर परिवार के माइनोरिटी स्टेक बेचने के फैसले ने निवेशकों को थोड़ा उलझन में डाल दिया है। यह बदलाव इस बात का संकेत है कि हल्दीराम अब एक नए दौर में कदम रख रहा है, जहां वह अपने काबिलियत और विस्तार को और बढ़ाना चाहता है।