प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में गुयाना के जॉर्जटाउन में भारत के समुदाय से संवाद किया और उन्हें दो बड़े आयोजनों का निमंत्रण दिया – 2025 में होने वाले महाकुंभ और अयोध्या में स्थित श्री राम मंदिर के दर्शन के लिए। यह दौरा भारत और गुयाना के बीच मजबूत होते सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने का एक अहम अवसर था।
2025 में महाकुंभ: एक अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्जटाउन में भारतीय समुदाय को महाकुंभ 2025 के लिए आमंत्रित किया, जो एक विशाल आध्यात्मिक उत्सव है और अगले साल जनवरी से फरवरी तक प्रयागराज में आयोजित होगा। महाकुंभ दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले के रूप में प्रसिद्ध है, और प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व अनुभव होगा, जहां लाखों लोग संगम के पवित्र जल में स्नान करने आते हैं। उन्होंने भारतीयों से आग्रह किया कि वे इस महान अवसर का हिस्सा बनें और अपने परिवार और दोस्तों को भी साथ लाएं ताकि यह अनुभव और भी खास बन सके।
अयोध्या में श्री राम मंदिर का दर्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने जॉर्जटाउन में उपस्थित भारतीयों को अयोध्या में स्थित श्री राम मंदिर के दर्शन करने का निमंत्रण भी दिया। यह मंदिर न केवल भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि इसे प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वर्षों की प्रतीक्षा के बाद निर्मित किया गया है। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस ऐतिहासिक स्थल पर आकर भगवान श्री राम के दर्शन करें, जो भारतीय संस्कृति और आस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है।
भारत की विकास यात्रा: दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत के विकास की यात्रा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों में भारत ने आर्थिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। जहां एक समय भारत दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था, वहीं अब यह पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारतीय युवाओं ने इस उपलब्धि में अहम भूमिका निभाई है और नई पीढ़ी ने देश को एक नई दिशा दी है।
वित्तीय समावेशन की दिशा में भारत की सफलता
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के वित्तीय समावेशन प्रयासों का भी उल्लेख किया, विशेषकर उन योजनाओं का जिनसे करोड़ों भारतीयों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि भारत ने एक ऐसी प्रणाली बनाई है, जिसके जरिए 500 मिलियन से अधिक लोगों ने बैंक खाते खोले हैं, जो उनके डिजिटल आईडी और मोबाइल फोन से जुड़े हुए हैं। इससे वित्तीय सहायता प्राप्त करने में आसानी हुई है और लोगों के लिए अपने आर्थिक जीवन को बेहतर बनाने के रास्ते खोले गए हैं।
भारत और गुयाना के बीच सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और गुयाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रमुखता दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कई समानताएँ और साझा परंपराएँ हैं, जो उन्हें एक-दूसरे के करीब लाती हैं। गुयाना में भारतीय समुदाय का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है, खासकर खेती, व्यवसाय, शिक्षा और खेल के क्षेत्रों में। प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि भारतीय संस्कृति ने गुयाना की विविधता और विशिष्टता को बढ़ाया है।
गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने भी भारतीय समुदाय के योगदान को सराहा। उन्होंने भारतीयों द्वारा गुयाना में लाए गए सांस्कृतिक समृद्धि और परंपराओं की सराहना की और इसे देश की एकता और विविधता का प्रतीक बताया।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जॉर्जटाउन दौरा न केवल भारतीय समुदाय के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण अवसर था, बल्कि यह भारत और गुयाना के बीच सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने का भी एक प्रयास था। उनके द्वारा दिए गए निमंत्रण, महाकुंभ और श्री राम मंदिर के दर्शन के लिए, दोनों देशों के बीच अधिक संवाद और एकता को बढ़ावा देने का एक अवसर प्रदान करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारत के विकास की दिशा और वित्तीय समावेशन के महत्व को भी उजागर किया, जिससे भारत के हर नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का रास्ता खोलने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं।