नई दिल्ली: पाकिस्तान में फिर से महंगाई दस्तक दे सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार के एक फैसले से पाकिस्तान के प्रमुख शहर रावलपिंडी के व्यापारी नाराज हो गए हैं। अगर सरकार अपने फैसले पर बनी रहती है तो आने वाले दिनों में यहां दूध, ब्रेड जैसी चीजों की कीमत आसमान छू सकती है। महंगाई इतनी बढ़ जाएगी कि खाने-पीने की चीजें आम लोगों की पहुंच से दूर हो जाएंगी।
दरअसल पूरा मामला प्रोफेशनल टैक्स से जुड़ा है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान सरकार ने रावलपिंडी डिवीजन में कारोबार के लिए प्रोफेशनल टैक्स में वृद्धि की घोषणा की है। इससे व्यापारियों में आक्रोश फैल गया है।
कितना बढ़ाया टैक्स?
दुकानदारों को 50 हजार से लेकर 2 लाख पाकिस्तानी रुपये (भारतीय मुद्रा में करीब 15 हजार से 61 हजार रुपये) तक के प्रोफेशनल टैक्स बिल भेजे गए हैं। इन बिलों को मिलने के बाद व्यापार संघों ने विरोध प्रदर्शन किया है।
पाकिस्तानी व्यापारियों की सेंट्रल बॉडी मरकजी अंजुमन ताजरान ने दुकानदारों से कहा है कि वे इन बढ़े हुए टैक्स बिल का पेमेंट न करें। सेंट्रल बॉडी ने कहा कि सरकार का यह निर्णय रावलपिंडी में दूध और दही विक्रेताओं के लिए काफी चिंताजनक है, जिन्हें अब दो लाख पाकिस्तानी रुपये का सालाना टैक्स देना होगा। मरकजी अंजुमन ताजरान के अध्यक्ष शारजील मीर ने कहा कि पहले प्रोफेशनल टैक्स सालाना 1500 से 3000 पाकिस्तानी रुपये के बीच था। अब इसमें बेहताशा वृद्धि की गई है।
किराना स्टोर पर भी पड़ा भार
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, किराना स्टोर, सैलून, वेल्डर, जनरल स्टोर समेत कई छोटे व्यवसायों को अब सालाना 30 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक का टैक्स देना होगा।
सरकारी अधिकारियों की सुविधा पर सवाल
व्यापारियों ने सरकारी अधिकारियों पर छोटे दुकानदारों का शोषण करने और अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल जारी रखने का आरोप लगाया। शारजील मीर ने सरकारी अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘हम पर बोझ डालने के बजाय उन्हें लग्जरी वाहनों और मुफ्त की चीजों और अपने आलीशान खर्चों में कटौती करनी चाहिए।’
बड़े स्तर पर दिखाई दे सकता है असर
रावलपिंडी में बढ़ाए गए इस टैक्स का असर आने वाले दिनों में पूरे पाकिस्तान में दिखाई दे सकता है। बढ़े टैक्स की भरपाई करने के लिए दुकानदार चीजों को ऊंचे दामों पर बेचेंगे, जिसे महंगाई बढ़ेगी।
ताजरान ने इस फैसले को वापस लेने की मांग के लिए टैक्स अधिकारियों से मिलने की योजना बनाई है। मीर ने चेतावनी दी है कि अगर पुरानी दरें बहाल नहीं की गई तो वे पूरे पंजाब में हड़ताल शुरू कर देंगे।