पेट्रोल और डीजल की कीमतें: कच्चे तेल में नरमी का असर जल्द ही भारतीय बाजार में देखने को मिल सकता है। तेल सचिव पंकज जैन ने कहा कि अगर दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक कम रहती है तो तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के रेट कम करने पर विचार कर सकती हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब सरकार तेल उत्पादन बढ़ाने और रूस जैसे देशों से कच्चा तेल खरीदने की कोशिश कर रही है जो सस्ती दरों पर तेल बेचते हैं।
दो साल बाद जनता को राहत!
कंपनियों की ओर से कीमत में कटौती की गई है, करीब दो साल बाद यह देश की जनता के लिए बड़ी राहत होगी। पिछली बार तेल की कीमत में अप्रैल 2022 में कटौती की गई थी। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सचिव पंकज जैन ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक कम रहती है तो तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के रेट कम करने के बारे में सोच सकती हैं।
क्यों गिर रहे हैं कच्चे तेल के रेट?
पिछले कुछ दिनों में तेल की कीमतें तीन साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। इससे तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है। कीमत में गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कम दर पर आपूर्ति का रास्ता साफ हो रहा है। दो दिन पहले यानी 10 सितंबर को ब्रेंट क्रूड दिसंबर 2021 के बाद पहली बार 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चला गया था।
गुरुवार (12 सितंबर) को ब्रेंट क्रूड का रेट 71.49 डॉलर प्रति बैरल पर देखा गया था। कीमत में गिरावट से रिटेलर्स और सरकारी तेल कंपनियों का मार्जिन बढ़ा है। बाजार में सरकारी कंपनियों की करीब 90 फीसदी हिस्सेदारी है।
आज क्या रहा क्रूड का रेट?
गुरुवार को वायदा कारोबार में कच्चा तेल 51 रुपये बढ़कर 5,709 रुपये प्रति बैरल पर पहुंच गया। मजबूत हाजिर मांग के बाद प्रतिभागियों ने अपने पोजीशन बढ़ाए। एमसीएक्स पर अक्टूबर डिलीवरी वाला कच्चा तेल 11,306 लॉट में 51 रुपये बढ़कर 5,709 रुपये प्रति बैरल पर कारोबार करता देखा गया। वैश्विक स्तर पर, न्यूयॉर्क में कच्चा तेल 1.26 प्रतिशत बढ़कर 68.16 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर और ब्रेंट क्रूड 1.32 प्रतिशत बढ़कर 71.54 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।