ग्रीन नॉइज़ और व्हाइट नॉइज़ दोनों ही साउंड थेरेपी के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं, लेकिन इन दोनों के प्रभाव अलग-अलग होते हैं:
- ग्रीन नॉइज़:
ग्रीन नॉइज़ में प्रकृति से जुड़ी आवाजें होती हैं, जैसे पानी की लहरें, बारिश, या पत्तों की सरसराहट। यह मध्यम फ्रीक्वेंसी वाली आवाजें होती हैं, जो मानसिक शांति देने में मदद करती हैं और तनाव को कम करती हैं। यह उन लोगों के लिए बेहतर हो सकता है जिन्हें हल्की और प्राकृतिक ध्वनियां पसंद हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो नेचर के करीब महसूस करना चाहते हैं। - व्हाइट नॉइज़:
व्हाइट नॉइज़ एक समान तीव्रता वाली ध्वनि होती है, जिसमें सभी फ्रीक्वेंसी की आवाजें एक साथ मिलती हैं, जैसे एयर कंडीशनर या टेलीविजन स्टेटिक की आवाज। यह एक तरह से पृष्ठभूमि ध्वनि की तरह काम करती है और बाहरी अवरोधक ध्वनियों को कम करके ध्यान केंद्रित करने या सोने में मदद करती है। व्हाइट नॉइज़ उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है जो ज्यादा संवेदनशील होते हैं और जिन्हें नींद के दौरान सन्नाटा या बाहरी आवाजें परेशान करती हैं।
कौन सी बेहतर है? यह व्यक्ति के अनुसार बदलता है। अगर आपको प्राकृतिक ध्वनियां पसंद हैं और आप शांत वातावरण में सोना चाहते हैं, तो ग्रीन नॉइज़ आपके लिए बेहतर हो सकता है। वहीं, अगर आपको बाहरी शोर से परेशान होने की आदत है और आप एकसमान ध्वनि चाहते हैं, तो व्हाइट नॉइज़ अधिक प्रभावी हो सकती है।
नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Speed News के Facebook पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...