हम सभी के लिए अपना पार्टनर बहुत ही ज्यादा इंपोर्टेंट होता है, लेकिन उन्हें सेफ और सिक्योर फील करवाने के लिए हम क्या करते हैं? कभी राह में उनका हाथ पकड़ लेते हैं तो कभी जाते समय उन्हें हग कर लेते हैं। लेकिन रिसर्च कहती है कि अगर आप आपने वाइफ को 6 सेकंड तक किस करते हैं तो ये आपके रिश्ते को और भी ज्यादा टिकाऊ बनाने का काम करता है।
लेकिन सिर्फ 6 सेकंड की किस ही क्यों? या फिर रोज हमारे हग करने में भला क्या प्रॉब्लम है! दरअसल महिलाएं अपने रिश्ते को लेकर बहुत ही ज्यादा सोचती हैं, जिससे अक्सर वो खुद को और रिलेशन को लेकर परेशान होने लगती है। लेकिन अगर आपकी एक किस पार्टनर को सिक्योर फील करा सकती है तो क्यों न आप रोज घर से निकलते समय उन्हें क6 सेकंड की किस करें।
1वाइफ को किस करना क्यों है जरूरी?
गॉटमैन इंस्टीट्यूट के फाउंडर डॉ. जॉन और जूली गॉटमैन की रिसर्च के मुताबिक जो पुरुष काम पर जाने से पहले अपनी पत्नी को किस करके बाय कहते हैं, वो ऐसा न करने वाले पुरुषों की तुलना में चार साल ज्यादा जीते हैं। लेकिन यहां बात गाल पर या नॉर्मल किस करने की हो रहा है, तो फिर 6 सेकंड की किस क्या है?
क्या है 6 सेकंड किस का फॉर्मूला?
ये किस लिप टू लिप होती है, जो 6 सेकंड तक चलती है। रिसर्च के अनुसार इस 6 सेकंड किस में आम किस से कई गुना ज्यादा पोटेंशियल होता है। आपके मन में भी आ रहा होगा न कि किस इसकी टाइमिंग इतनी फिक्स क्यों हैं, समय तो कम भी हो सकता है। आइए बताते हैं।
पांच या चार सेकंड क्यों नहीं?
ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि जब आप 6 सेकंड कर किस करते हैं तो ऑक्सीटोसिन निकलता है, जो आपकी वाइफ के मन में मानसिक सुरक्षा और जुड़ाव पैदा करता है। साथ ही आपकी वोन्डिंद को भी बेहतर करता है।
किस ही नहीं हग का भी टाइम सेट है
जिस तरह किस के लिए 6 सेकंड परफेक्ट माने जाते हैं उसी तरह सिर्फ 20 सेकंड के हग से भी पार्टनर के बीच ऑक्सीटोसिन का सीक्रेशन होता है, जो उतना ही फायदेमंद होता है जिनती 6 सेकंड की किस। इसलिए जब भी आप घर से बाहर निकलें तो अपनी वाइफ को 6 सेकंड की किस और 20 सेकंड का हग जरूर करें।
ऑक्सीटोसिन क्या होता है?
ऑक्सीटोसिन जिसे कभी-कभी ‘लव हार्मोन’ या ‘कडल केमिकल’ भी कहा जाता है, ये एक तरह का हार्मोन होता है जो प्यार करने या किसी के लिए फीलिंग बढ़ने पर महिलाओं में पाया जाता है। जब आप किसी को गले लगाते हैं और जब आप ऑर्गेज्म का अनुभव कर रहे होते हैं तो ऑक्सीटोसिन का स्तर भी बढ़ जाता है।