वट सावित्री व्रत 2024 नियम: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वट सावित्री व्रत में विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन विवाहित महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और सत्यवान-सावित्री की कथा सुनती हैं। इसके साथ ही वट सावित्री व्रत के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है।
वट सावित्री व्रत क्या लाभ और महत्व हैं
ज्योतिष शास्त्र कहता है कि इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा करते समय एक चीज अवश्य अर्पित करनी चाहिए। तो आइए ज्योतिषी राधाकांत वत्स से जानते हैं कि वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष पर क्या चढ़ाना चाहिए और इसके क्या लाभ और महत्व हैं।
वट सावित्री व्रत 2024 के दौरान बरगद के पेड़ को क्या चढ़ाएं?
- वट सावित्री व्रत के दिन बरगद के पेड़ पर शुद्ध गाय का दूध चढ़ाना चाहिए। ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि बरगद के पेड़ में एक ओर जहां भगवान विष्णु, भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा का वास होता है। वहीं दूसरी ओर इसका संबंध बृहस्पति ग्रह से माना जाता है।
- ऐसे में अगर वट सावित्री व्रत के दिन पूजा के दौरान बरगद के पेड़ पर दूध चढ़ाया जाए तो इससे कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होती है।
- बृहस्पति के कारण जीवन में शुभ और सकारात्मक परिणाम आने लगते हैं। नौकरी और करियर में किस्मत चमकने लगती है।
- इसके अलावा बरगद के पेड़ पर दूध चढ़ाने से भी त्रिमूर्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि बरगद के पेड़ पर दूध चढ़ाने से उम्र बढ़ती है। जो भी महिला बरगद के पेड़ पर दूध चढ़ाती है उसकी जीवन प्रत्याशा में वृद्धि होती है और वैवाहिक स्थिति में भी वृद्धि होती है।
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