वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) भारतीय रेल की एक प्रमुख पहल है, जो पहले केवल चेयर कार (बैठने वाली सीटों) के रूप में उपलब्ध थी। अब, भारतीय रेलवे इसे स्लीपर क्लास (बर्थ वाली सीटें) में बदलने की तैयारी कर रही है। रेलवे ने घोषणा की थी कि दिसंबर 2024 में देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को चलाया जाएगा, लेकिन अब इस योजना में कुछ समस्याएं सामने आई हैं।
क्वालिटी इश्यू के कारण देरी
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का पहला रैक तैयार हो चुका था, लेकिन इसमें कुछ क्वालिटी इश्यू आ गए हैं, जो इसके परिचालन में देरी का कारण बन सकते हैं। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस ट्रेन के पहले सेट में कुछ तकनीकी और गुणवत्ता संबंधित समस्याएं पाई गई हैं, जो उसकी परीक्षण यात्रा में बाधा डाल सकती हैं।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की निर्माता कंपनी
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को बनाने का कार्य भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड (अब बीईएमएल लिमिटेड, BEML) द्वारा किया गया है। यह कंपनी पहले केवल अर्थ मूविंग उपकरण (जैसे खुदाई मशीन और अन्य भारी उपकरण) बनाती थी, लेकिन अब यह परिवहन, खनन और अन्य क्षेत्रों में भी उपकरण तैयार करती है।
बीईएमएल लिमिटेड ने वंदे भारत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन तैयार किया है, जो भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे दूरदराज के इलाकों के यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाली सुविधाएं मिल सकेंगी।
हालांकि, गुणवत्ता से जुड़ी समस्याओं के कारण इस स्लीपर ट्रेन के परिचालन में देरी हो सकती है, लेकिन रेलवे और निर्माता कंपनी इसे जल्द से जल्द सुधारने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि यात्रियों को जल्द ही बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
पहले ट्रेन में ही क्वालिटी इश्यू
![पहले ट्रेन में ही क्वालिटी इश्यू पहले ट्रेन में ही क्वालिटी इश्यू](https://static.langimg.com/thumb/116094395/navbharat-times-116094395.jpg?imgsize=69848&width=680&resizemode=3)
बीईएमएल के बेंगलुरु स्थित कारखाने में भारतीय रेल की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को तैयार किया गया है। इसे दिसंबर 2024 तक चालू होना था। लेकिन रेलवे के कोच प्रोडक्शन यूनिट, चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory (ICF) सने इस ट्रेन का गहन निरीक्षण किया। आईसीएफ ने इस ट्रेन के बारे में गुणवत्ता संबंधी चिंता (Quality concerns) जाहिर की है। इसी कारण इसका परिचालन विलंबित हो गया है।
कहां आई है दिक्कत
![कहां आई है दिक्कत कहां आई है दिक्कत](https://static.langimg.com/thumb/116094402/navbharat-times-116094402.jpg?imgsize=49812&width=680&resizemode=3)
मनीकंट्रोल ने आईसीएफ के सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि पहचाने गए अधिकांश गुणवत्ता संबंधी मुद्दे ट्रेन के अंदरूनी हिस्सों से संबंधित हैं। जैसे कि इंटरनल पैनलों में विजिबल गैप हैं। यह नहीं होना चाहिए क्योंकि इन गैप में कॉकरोच जैसे जीव आराम से घुस कर अपना निवास बना सकते हैं। यही नहीं, ट्रेन के साइड लोअर बर्थ भी ठीक से फंक्शन नहीं कर रहे हैं। इस ट्रेन के बर्थ में कुशन भी अनप्रोपर हैं। दिक्कत की बात तो यह है कि ट्रेन के टायलेट्स में लीक मिले। साथ ही पैसेंजर अलार्म भी इनएक्सेसेबल थे।
जल्दबाजी में पूरा किया काम
![जल्दबाजी में पूरा किया काम जल्दबाजी में पूरा किया काम](https://static.langimg.com/thumb/116094408/navbharat-times-116094408.jpg?imgsize=49214&width=680&resizemode=3)
मनीकंट्रोल ने सूत्र के हवाले से लिखा है “बीईएमएल ने उचित गुणवत्ता जांच किए बिना ट्रेन के आंतरिक कार्यों को जल्दबाजी में पूरा किया। जिसके परिणामस्वरूप खराब कारीगरी देखने को मिल रही है।” उल्लेखनीय है कि वंदे भारत स्लीपर सेवा का परिचालन दिसंबर 2024 में ही शुरू होना था। लेकिन जो प्रोटोटाइप ट्रेन सेट तैयार किया गया है, उसका अभी ऑसीलेशन ट्रायल (Oscillation trials) और मुख्य लाइन परीक्षणों (Main line trials) से गुजरना बाकी है।
बीईएमएल को बता दिया गया है
![बीईएमएल को बता दिया गया है बीईएमएल को बता दिया गया है](https://static.langimg.com/thumb/116094412/navbharat-times-116094412.jpg?imgsize=40920&width=680&resizemode=3)
आईसीएफ ने इस बारे में बीईएमएल को कई महीने पहले ही बता दिया था। दरअसल, आईसीएफ ने बीईएमएल को कड़े शब्दों में एक पत्र भी लिखा है, जिसमें 4 अक्टूबर को आए प्रोटोटाइप ट्रेन सेट में अनसुलझे दोषों के बारे में चिंता जताई थी। पत्र में यह भी चेतावनी दी गई थी कि देरी उन्हें आलोचना का पात्र बना सकती है, क्योंकि जनता उत्सुकता से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की शुरूआत का इंतजार कर रही है। 5 अक्टूबर को बीईएमएल को लिखे पत्र में आईसीएफ ने 81 इश्यू की पहचान की थी जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
क्या कहा है आईसीएफ ने
![क्या कहा है आईसीएफ ने क्या कहा है आईसीएफ ने](https://static.langimg.com/thumb/116094414/navbharat-times-116094414.jpg?imgsize=57516&width=680&resizemode=3)
मनीकंट्रोल ने ICF के जीएम यू सुब्बा राव के हवाले से बताया है कि इस ट्रेन सेट को ऑसीलेशन ट्रायल के लिए 10 दिसंबर तक आरडीएसओ, लखनऊ भेजा जाएगा। इस समय ट्रेन में सैंडबैग लोड करने और इंस्ट्रूमेंटेड बफ़र्स स्थापित करने सहित कई तैयारी चल रही है। आरडीएसओ चरण-दर-चरण ऑसीलेशन ट्रायल करेगा। इसके बाद दो महीनों में धीरे-धीरे 160 किमी प्रति घंटे तक की गति का परीक्षण करेगा। यह परीक्षण ज्यादातर उत्तर पश्चिम रेलवे की पटरियों पर होगा। परीक्षणों के बाद, ट्रेन चालू होने से पहले फाइनल एडजस्टमेंट और सफाई के लिए आईसीएफ में वापस आ जाएगी।
स्लीपर वंदे भारत में कितने डिब्बे
![स्लीपर वंदे भारत में कितने डिब्बे स्लीपर वंदे भारत में कितने डिब्बे](https://static.langimg.com/thumb/116094418/navbharat-times-116094418.jpg?imgsize=117544&width=680&resizemode=3)
चेयर कार वाले वंदे भारत के तीन तरह के ट्रेन सेट चल रहे हैं। एक में आठ डिब्बे हैं, दूसरे में 16 डिब्बे और तीसरे में 20 डिब्बे। स्लीपर वर्जन के वंदे भारत को 16 डिब्बों के ट्रेन सेट के रूप में तैयार किया गाय है। इसमें फर्स्ट एसी का एक, सेकेंड एसी के चार और थर्ड एसी के 11 डिब्बे बनाए गए हैं। कुल मिला कर 16 कोच के विभिन्न कोचों में 823 बर्थ की व्यवस्था की गई है।
कब चली थी पहली वंदे भारत
![कब चली थी पहली वंदे भारत कब चली थी पहली वंदे भारत](https://static.langimg.com/thumb/116094432/navbharat-times-116094432.jpg?imgsize=64700&width=680&resizemode=3)
भारतीय रेल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन 15 फरवरी 2019 को किया गया था। यह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली थी। इस ट्रेन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। इस ट्रेन में 16 डिब्बे थे, जिनमें 16 डिब्बे एसी चेयर कार के जबकि दो डिब्बे एक्सीक्यूटिव चेयर कार के हैं। इसी रूट पर 18 दिसंबर 2023 को दूसरी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाई गई थी। इस तरह से यह देश का पहला रूट है, जिस पर दो वंदे भारत की सेवा उपलब्ध है।