क्यों बढ़े प्याज के दाम: केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2023-2024 पेश किया। इस सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2023-24 के आर्थिक प्रदर्शन का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है। सर्वेक्षण के अनुसार, देश की अर्थव्यवस्था का विस्तार जारी है। वास्तविक रूप से वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। इस सर्वेक्षण में प्याज और टमाटर के महंगे होने की भी चर्चा की गई है।
खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े
सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में कहा गया है कि खराब मौसम, जल स्तर कम होने और फसल खराब होने से कृषि उत्पादन प्रभावित हुआ है। जिसके कारण पिछले दो वर्षों में खाद्य पदार्थों के दाम बढ़े हैं।
फसल के लिए अनुकूल मौसम न होने से सब्जियों और दालों के उत्पादन पर भी असर पड़ा है। रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वित्त वर्ष 2012 में 6.6 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2013 में 6.6 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2014 में 7.5 प्रतिशत हो गई।
पिछले दो वर्षों में खाद्य मुद्रास्फीति एक वैश्विक घटना रही है। सरकार का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, भयंकर गर्मी, असामान्य मानसून, बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, मूसलाधार बारिश और सूखा भी इसके मुख्य कारण हैं।
प्याज और टमाटर की कीमतों में वृद्धि के कारण
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई 2023 में मौसमी परिवर्तन, सफेद मक्खी के संक्रमण जैसी विभिन्न फसल बीमारियों ने भी कृषि उत्पादन को प्रभावित किया है। वहीं, देश के उत्तरी हिस्से में मानसून की बारिश के समय से पहले आने और विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादन में व्यवधान के कारण टमाटर की कीमतों में वृद्धि हुई है।
प्याज की बढ़ी कीमतों पर सरकार ने कहा है कि प्याज की कीमतों में वृद्धि कई कारकों की वजह से हुई है, जिसमें पिछले फसल सीजन के दौरान बारिश के कारण रबी प्याज की गुणवत्ता प्रभावित होना, खरीफ प्याज की बुवाई में देरी, खरीफ उत्पादन पर लंबे समय तक सूखे का असर और अन्य देशों द्वारा व्यापार संबंधी उपाय शामिल हैं।