वे हमें अहंकारी कहते थे, पिछली सरकार के 17 मंत्री हार गए; मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा

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मल्लिकार्जुन खरगे, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, ने हाल ही में राज्यसभा में अपने बयान के दौरान कहा कि उन्हें और उनकी पार्टी को घमंडी कहा जाता था, लेकिन पिछली सरकार के 17 मंत्री चुनाव हार गए। इस बयान का मकसद था भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करना और कांग्रेस पार्टी की ताकत को दर्शाना।

मल्लिकार्जुन खरगे का बयान: मुख्य बिंदु

  1. घमंडी का आरोप: खरगे ने बताया कि उन्हें और उनकी पार्टी को घमंडी कहा जाता था।
  2. चुनावी हार: उन्होंने भाजपा के 17 मंत्रियों के चुनाव हारने की बात को सामने रखकर पार्टी की चुनावी परफॉर्मेंस पर सवाल उठाए।
  3. सियासी स्थिति: यह बयान मौजूदा राजनीतिक माहौल और आने वाले चुनावों की तैयारी के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

राजनीतिक संदर्भ और असर

  • कांग्रेस की स्थिति: खरगे का यह बयान कांग्रेस पार्टी के आत्मविश्वास को दर्शाता है और भाजपा के खिलाफ विपक्ष की एकता को मजबूत करने का प्रयास करता है।
  • भाजपा की प्रतिक्रिया: यह बयान भाजपा को चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर सकता है।
  • आम जनता पर प्रभाव: इस प्रकार के बयान राजनीतिक बहस को तीव्र करते हैं और आम जनता में राजनीतिक जागरूकता बढ़ाते हैं।

नए कानूनों पर सवाल

खरगे ने तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू होने का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि इन तीनों कानून को विपक्ष के 146 सांसदों को निलंबित करने के बाद पारित कराया गया था, लेकिन अब ‘INDIA’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) गठबंधन इस तरह से ‘बुलडोजर न्याय’ संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा।

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘चुनाव में राजनीतिक एवं नैतिक झटके के बाद (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी जी और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेता संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहे हैं, पर सच तो यह है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वे 146 सांसदों को निलंबित कर जबरन पारित किए गए।’ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने आपराधिक कानूनों के संदर्भ में चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस दिया है।

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