आपातकाल लगाकर संविधान को नष्ट करने वाली कांग्रेस के चेहरे बदले हैं, लेकिन चरित्र नहीं: सीएम योगी

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आपातकाल के 50वें साल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाकर संविधान को नष्ट करने वाली कांग्रेस में चेहरे बदल गए हैं, लेकिन चरित्र नहीं बदला।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान लगाए गए आपातकाल के 50वें साल पर मंगलवार को कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर जमकर हमला बोला। अपने सरकारी आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज जब हम 50 साल बाद आपातकाल की उन यादों को याद करते हैं तो स्वाभाविक रूप से कांग्रेस में चेहरे बदल गए होंगे, लेकिन उसका चरित्र और उसके हाव-भाव आज भी वही हैं, जो 1975 में थे।

उस समय हम सभी को कांग्रेस का एक बर्बर चेहरा देखने को मिला। कैसे उन्होंने संविधान की प्रस्तावना (प्रस्तावना) में संशोधन करके उसकी आत्मा को नष्ट करने की कोशिश की। कैसे कांग्रेस ने उस समय देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। कांग्रेस ने उस समय किस तरह न्यायालय के अधिकारों को बंधक बना रखा था। और आज भी कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व भले ही बदल गया हो, चेहरा भले ही बदल गया हो, लेकिन उसका चरित्र वही है।

रात के अंधेरे में संविधान और लोकतंत्र का गला घोंटने की साजिश रची गई थी

सीएम योगी ने कहा कि 50 साल पहले आज ही के दिन देर रात एक काला अध्याय लिखा गया था, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भारत के संविधान का गला घोंटकर लोकतंत्र को पूरी तरह से खत्म करने की साजिश रची थी। किस तरह इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 25 जून 1975 को रात के अंधेरे में भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश की थी। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई, जय प्रकाश नारायण, लाल कृष्ण आडवाणी समेत तमाम विपक्षी नेताओं को जेल में डालकर लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की गई थी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह तानाशाही रवैया आज या 1975 में ही नहीं, बल्कि आजादी के तुरंत बाद भी देखने को मिला था, जब संविधान अपनाने के महज दो साल के भीतर ही उसने संविधान में संशोधन करके और उसमें जबरन अनुच्छेद 370 डालकर देश की अखंडता को चुनौती देने की कोशिश की थी। इसके बाद भी समय-समय पर कभी मीडिया पर प्रतिबंध लगाकर तो कभी अन्य तरीकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उसने लोकतंत्र के सभी स्तंभों को कमजोर करने की कोशिश की। देश और दुनिया ने 25 जून 1975 को इसके चरमोत्कर्ष के रूप में देखा है।

आज भी कांग्रेस के लोग देश के बाहर भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं

कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व पर हमला बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि ये लोग आज लोकतंत्र की दुहाई देते हैं, लेकिन जब भारत के बाहर जाते हैं तो भारत के लोकतंत्र को कटघरे में खड़ा करते हैं और भारत की चुनाव प्रणाली पर सवाल उठाते हैं। ये लोग भारत के बाहर जाकर भारत और उसके लोकतंत्र को कोसते हैं। इतना ही नहीं, ये भारत में हर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश करते हैं और उसकी अक्षमता का ठीकरा ईवीएम पर फोड़ने की कोशिश करते हैं। 1975 में संविधान को नष्ट करने का प्रयास करने वाली कांग्रेस आज भी उसी राह पर चल रही है। जहां-जहां कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें हैं, उनका रवैया, उनकी कार्यशैली और उनके कार्य इसके उदाहरण हैं।

सीएम योगी ने कांग्रेस के सहयोगियों को भी कटघरे में खड़ा किया

लोकतंत्र के लिए जेल यातनाएं झेलने वालों की वर्तमान पीढ़ी आज कांग्रेस की गोद में बैठ गई है सीएम योगी ने कांग्रेस के सहयोगियों को भी कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि 1975 में देश के लोकतंत्र, संविधान और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए जिन लोगों ने जेल यातनाएं झेलीं, जिन लोगों ने उस दौर में लोकतंत्र के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया, यह आश्चर्य की बात है कि उनकी वर्तमान पीढ़ी उसी कांग्रेस की गोद में बैठकर देश को फिर से कांग्रेस की तानाशाही, लोकतंत्र विरोधी और संविधान विरोधी नीतियों की ओर धकेलने का कुत्सित प्रयास कर रही है।

कांग्रेस के सहयोगियों की कार्यप्रणाली पर गौर करें, चाहे वह बंगाल की टीएमसी हो, केरल हो, तमिलनाडु हो या जहां भी कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारें काम कर रही हैं, आप पाएंगे कि ये लोग संविधान के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं और संसद की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं।

लोकतंत्र को कमजोर करने वालों को देश कभी माफ नहीं करेगा

सीएम योगी ने कहा कि उन लोगों को भी अपने अंतर्मन में झांककर देखना चाहिए कि क्या उन्होंने सही मायने में संविधान का पालन किया है। क्या यह सच नहीं है कि देश की संसद में कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने संसद के पटल पर ही विधेयक को फाड़ दिया? उन्होंने ऐसे कई काम किए हैं, जिनसे लोकतंत्र कमजोर हुआ है और आज भी लगातार कमजोर हो रहा है।

देश की जनता इसके लिए कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगी। साथ ही देश उन सभी राजनीतिक दलों को कभी स्वीकार नहीं करेगा, जिन्होंने कांग्रेस और उसकी तानाशाही में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भागीदारी की है। कांग्रेस और उसके सभी सहयोगी दल, जिन्होंने समय-समय पर संविधान के प्रावधानों का पालन करने से इनकार किया है, उन्हें आज आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर देश से माफी मांगनी चाहिए।

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