पुणे पोर्श कांड: नशे में इतना धुत था आरोपी, रईसजादे ने बयां की उस राज की कहानी

Remove term: पुणे पोर्श कांड पुणे पोर्श कांडRemove term: नशे में इतना धुत था आरोपी नशे में इतना धुत था आरोपीRemove term: आरोपी रईसजादा आरोपी रईसजादाRemove term: 17 साल का आरोपी 17 साल का आरोपी

नई दिल्ली। पुणे पोर्श कांड को लेकर रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब इस पूरे कांड के मुख्य आरोपी से पुलिस ने उस रात की घटना जानने की कोशिश की है। सूत्रों का कहना है कि आरोपी रईसजादे ने उस रात दो इंजीनियरों की जान ले ली थी लेकिन, उसे इस मामले में कुछ याद ही नहीं है। आरोपी ने पूछताछ में कहा कि वह उस रात नशे में इतना धुत था, उसे कुछ नहीं पता। वहीं, इस हाई प्रोफाइल मामले में हर पहलू की जांच करने के लिए पुलिस ने एक दर्जन से अधिक टीमों का गठन किया है, जिसमें 100 पुलिसकर्मी शामिल होंगे।

लग्जरी कार से मारी थी टक्कर

पुणे के कल्याणी नगर इलाके में 19 मई को एक नाबालिग लड़के ने कथित तौर पर बाइक पर जा रहे दो आईटी इंजीनियरों को अपनी लग्जरी कार से टक्कर मार दी थी। इस हादसे में दोनों बाइक सवारों की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस हादसे के लिए तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं।

नशे में था, याद नहीं क्या हुआ

सूत्रों के मुताबिक, 17 साल के आरोपी ने उस रात पुणे की सड़क पर अपनी लग्जरी पोर्शे कार की टक्कर से दो लोगों की जान लेने को लेकर पहली बार मुंह खोला है। उसने पुलिस को बताया कि वह उस रात नशे में धुत था, इसलिए उसे याद नहीं कि उस रात क्या-क्या हुआ? किशोर न्याय बोर्ड ने पुलिस के अनुरोध पर उस पर एक वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने का फैसला किया है। अपनी कार से दो को रौंदने से कुछ समय पहले वह कैमरे पर शराब पीते हुए कैद हुआ था। उसने कथित तौर पर एक पब में शराब पीने में 48,000 रुपये खर्च किए थे।

100 पुलिसकर्मी करेंगे हर पहलू की जांच

पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले के हर पहलू की जांच करने के लिए पुलिस ने एक दर्जन से अधिक टीमों का गठन किया है, जिसमें 100 पुलिसकर्मी शामिल होंगे। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उधर, इस कांड में पुलिस ने तीन मुकदमे दर्ज किए हैं। इसमें किशोर को शराब परोसने वाले बार के खिलाफ प्राथमिकी भी शामिल है।

पांच जिलों में लोगों को जागरुक करेगा बोर्ड

महाराष्ट्र सरकार का महिला एवं बाल विकास विभाग किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के प्रति और संवेदनशील बनाने के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। दरअसल, पुणे पोर्श कार हादसे मामले में मुख्य आरोपी को जमानत देने के फैसले के बाद जेजेबी की चौतरफा हो रही आलोचना के बाद यह पहल की गई है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के आयुक्त डॉ. प्रशांत नारनवरे ने एक बयान में कहा, ‘‘इस घटना के बाद, हमने जेजेबी सदस्यों को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मैंने पांच जिलों का दौरा किया है, जिनमें नासिक, अहमदनगर, नांदेड़, सोलापुर और अकोला शामिल हैं। मैंने राज्य सरकार द्वारा नियुक्त जेजेबी सदस्यों से मुलाकात की और किशोर न्याय अधिनियम तथा इसके प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में परामर्श सत्र आयोजित किए। ’’

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Speed News के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts