मुंबई: टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने हाल ही में भारत सरकार द्वारा संचालित बीएसएनएल में बड़ा निवेश किया है, जिसका फोकस डेटा सेंटर बनाने पर है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कदम का मकसद टाटा ग्रुप को टेलीकॉम सेक्टर में वापस लाना है, जिससे वे लंबे समय से बाहर थे। टीसीएस ने बीएसएनएल में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिससे चार प्रमुख क्षेत्रों में उन्नति होने की उम्मीद है।
टेलीकॉम में टाटा ग्रुप का इतिहास
टाटा ग्रुप पहले जापानी कंपनी एनटीटी डोकोमो के साथ संयुक्त उद्यम टाटा डोकोमो के जरिए टेलीकॉम सेवाएं देता था। लेकिन 1 जुलाई 2019 को टाटा डोकोमो ने अपनी सेवाएं बंद कर दीं, फॉर्च्यून इंडिया की पिछली रिपोर्ट में कहा गया था कि टाटा ग्रुप टेलीकॉम सेक्टर में वापसी करने के लिए तेजस नेटवर्क्स से जुड़ा था। हाल ही में खबर आई थी कि टाटा ग्रुप और बीएसएनएल की साझेदारी से कंपनी में नई जान आएगी और ग्राहकों को कई फायदे मिलेंगे।
ग्रामीण इलाकों में हाई स्पीड इंटरनेट
रिपोर्ट के मुताबिक, बीएसएनएल और टाटा की साझेदारी से भारत के ग्रामीण इलाकों में हाई स्पीड इंटरनेट आने की उम्मीद है। इस योजना में 1,000 गांव शामिल होंगे, जहां बीएसएनएल पहले से ही 3जी नेटवर्क से 4जी नेटवर्क का परीक्षण कर रहा था। यह निवेश बीएसएनएल को खरीदने का कदम नहीं बल्कि रणनीतिक भागीदारी का हिस्सा है, जिससे कंपनी की खरीद की अफवाहों को खारिज किया जा सके।
टैरिफ बढ़ोतरी के बीच ग्राहकों को राहत
रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ोतरी की घोषणा से कई ग्राहक प्रभावित हुए हैं और कुछ ने बीएसएनएल का रुख किया है। इसके बाद, इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने 5जी नेटवर्क पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है और जल्द ही इसके ट्रायल शुरू करने की योजना बना रही है।
बीएसएनएल 5जी नेटवर्क की उम्मीद
भारत में वर्तमान में 3जी नेटवर्क का उपयोग करने वाले लोग 4जी और फिर 5जी तकनीक पर स्विच करने की उम्मीद कर रहे हैं। बीएसएनएल और टाटा के बीच इस साझेदारी की घोषणा से उन ग्राहकों के लिए नई योजनाएं आने की उम्मीद है जो बदलाव या किफायती विकल्प की तलाश में हैं। टाटा समूह और बीएसएनएल की इस साझेदारी से टेलीकॉम सेक्टर में नई ऊर्जा आने की संभावना है।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट की उपलब्धता और किफायती दरों पर नए प्लान के साथ यह पहल उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में यह साझेदारी क्या नए बदलाव और अवसर लेकर आती है।