काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान शासन ने महिलाओं का जीना मुश्किल कर दिया है। तालिबान ने महिलाओं को लेकर एक नया फरमान जारी किया है, जिसमें सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। नए कानून के मुताबिक महिलाओं के सार्वजनिक तौर पर बोलने और चेहरा दिखाने पर पाबंदी है। तालिबान मंत्रालय का कहना है कि सद्गुणों को बढ़ावा देने और बुराई को रोकने के लिए नया कानून लागू किया गया है। तालिबान के इस नए कानून में अनुच्छेद 13 में विस्तार से बताया गया है कि महिलाओं को सार्वजनिक तौर पर कैसे कपड़े पहनने चाहिए और कैसे व्यवहार करना चाहिए।
सद्गुणों को बढ़ावा देने और बुराई को खत्म करने में इस्लामी कानून काफी मददगार साबित होगा
तालिबान मंत्रालय के प्रवक्ता मौलवी अब्दुल गफ्फार फारूक ने गुरुवार को कहा कि इंशा अल्लाह, हम आपको भरोसा दिलाते हैं कि यह इस्लामी कानून सद्गुणों को बढ़ावा देने और बुराई को खत्म करने में काफी मददगार साबित होगा। हालांकि, इससे पहले सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कानूनों का समर्थन किया था। एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक महिलाओं के लिए बनाया गया यह नया नियम दैनिक सार्वजनिक जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित करता है।
अब महिलाओं को क्या करना होगा
फरमान में कहा गया है कि अब महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर अपना चेहरा समेत पूरा शरीर ढंकना जरूरी है। ताकि महिलाएं प्रलोभन से बच सकें और दूसरों को भी प्रलोभन में न डालें। अब से हिजाब, जो चेहरे को ढके बिना केवल बाल और गर्दन को ढकता है, अब स्वीकार्य नहीं होगा।
महिलाएं ऊंची आवाज में नहीं पढ़ सकतीं
इतना ही नहीं, फरमान में अब महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाने, सुनाने या ऊंची आवाज में पढ़ने से भी मना किया गया है। इसके पीछे की वजह बताते हुए तालिबान शासन ने कहा कि महिलाओं की आवाज को अंतरंग माना जाता है और उसे नहीं सुना जाना चाहिए। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बोलने पर भी रोक है या नहीं। आपको बता दें कि साल 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया था। तब से हर दिन महिलाओं पर फरमान जारी होते रहते हैं।