नई दिल्ली: नीट यूजी 2024 परीक्षा पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट का पेपर सिर्फ पटना और हजारीबाग में लीक हुआ था। पेपर बड़े पैमाने पर लीक नहीं हुआ था। सीजेआई ने कहा कि अगर किसी छात्र को दिए गए फैसले से कोई परेशानी है तो वह हाईकोर्ट जा सकता है।
सीजेआई ने कहा कि समिति का गठन सरकार ने किया है। इसमें मूल्यांकन समिति भी शामिल होगी। उन्होंने कहा कि परीक्षा प्रणालियों की साइबर सुरक्षा में संभावित कमजोरियों की पहचान करने के लिए तकनीक विकसित करने की जरूरत है।
परीक्षा रद्द क्यों नहीं की गई?
शीर्ष अदालत ने कहा कि परीक्षा के आयोजन में कोई व्यवस्थागत खामी नहीं पाई गई। अगर परीक्षा रद्द होती तो इसका असर परीक्षा में शामिल होने वाले लाखों छात्रों पर पड़ता। साथ ही, परीक्षा पास करने वाले छात्रों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। ऐसे में गहन जांच और सभी मुद्दों पर विचार के बाद परीक्षा रद्द न करने का फैसला लिया गया।
एसओपी तैयार करने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा और इसकी प्रक्रियाओं की पवित्रता और अखंडता सुनिश्चित करने और उम्मीदवारों द्वारा धोखाधड़ी को रोकने के लिए तंत्र विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजता के अधिकार से समझौता किए बिना, तकनीकी नवाचार और उम्मीदवारों की पहचान का समय-समय पर सत्यापन यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि कोई भी उम्मीदवार परीक्षा के लिए किसी प्रॉक्सी को न रखे।
SC ने NTA की आलोचना की
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी होनी चाहिए। यह दोहराते हुए कि कोई प्रणालीगत उल्लंघन नहीं हुआ है, सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक, गलत प्रश्नपत्र वितरित करने और भौतिकी के प्रश्न के गलत विकल्प के लिए अंक देने के लिए NTA की भी आलोचना की।
केंद्र सरकार और एनटीए की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि एनईईटी और एनटीए द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाओं की सुरक्षा, पवित्रता और अखंडता बढ़ाने के लिए उसके सभी निर्देशों को लागू किया जाएगा।