Stock Market: विधानसभा चुनाव के नतीजों का शेयर बाजार पर असर, क्या आएगी पॉजिटिव हलचल?

शेयर बाजार के लिए आगामी सप्ताह में कई अहम घटनाएँ होने वाली हैं, जिनका असर बाजार की दिशा पर पड़ सकता है। इनमें प्रमुख रूप से देश के विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम और MSCI (Morgan Stanley Capital International) के इंडेक्स में होने वाले बदलाव शामिल हैं। इन घटनाओं से जुड़ी गतिविधियाँ और आंकड़े बाजार में सकारात्मक रुझान को बढ़ावा दे सकते हैं।

विधानसभा चुनाव के परिणामों का असर

महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों के परिणामों को लेकर बाजार के एक्सपर्ट्स सकारात्मक नजरिया रख रहे हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की जीत से राज्य के आर्थिक विकास और उद्योगों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र भारत का सबसे बड़ा राज्य और वित्तीय राजधानी है, और यहाँ बीजेपी की जीत को शेयर बाजार के लिए एक पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है।

झारखंड में जेएमएम गठबंधन की सत्ता वापसी से राजनीतिक स्थिति में स्थिरता का संकेत मिलता है, जो बाजार के लिए नकारात्मक प्रभाव की बजाय स्थिति को यथावत रखने का संकेत है। इस कारण झारखंड के चुनावी परिणामों का कोई बड़ा नकारात्मक असर नहीं देखा जा रहा है।

MSCI में बदलाव

दुनिया का सबसे बड़ा इंडेक्स कंपाइलर MSCI के नवंबर के रीबैलेंस में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव हो रहे हैं। इसमें भारत के प्रमुख कंपनियों जैसे बीएसई, वोल्टास, अल्केम लेबोरेटरीज, कल्याण ज्वैलर्स और ओबेरॉय रियल्टी को MSCI ग्लोबल स्टैंडर्ड इंडेक्स में शामिल किया जाएगा। इसके परिणामस्वरूप लगभग 2.5 बिलियन डॉलर का एफआईआई (फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स) का नेट इनफ्लो हो सकता है, जो भारतीय शेयर बाजार को मजबूती दे सकता है।

शॉर्ट टर्म रुझान

मार्केट में शॉर्ट-टर्म पॉजिटिव मूवमेंट की संभावना बन रही है। RSI (Relative Strength Index) के अनुसार, बाजार अब ओवरसोल्ड जोन से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहा है, जो संकेत देता है कि अगले कुछ दिनों में तेजी का रुझान बन सकता है। अगर सेंसेक्स 23,600 के ऊपर बना रहता है, तो अगले लक्ष्यों में 23,960-24,000 की सीमा देखी जा सकती है। 24,000 के ऊपर अगर बाजार बनाए रखा गया, तो 24,500 तक की रैली संभव हो सकती है।

एफआईआई और डीआईआई का एक्शन

हालांकि नवंबर में अब तक एफआईआई (फॉरेन पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स) ने भारतीय इक्विटी में 26,533 करोड़ रुपये के नेट सेल्स किए हैं, फिर भी घरेलू निवेशकों (डीआईआई) ने खरीदी के पक्ष में 1,722.15 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस असमंजस के बावजूद बाजार में एफआईआई के आने वाले कुछ समय में और निवेश के संकेत मिल सकते हैं, विशेष रूप से MSCI बदलाव के बाद।

रुपये और डॉलर की स्थिति

रुपया इस सप्ताह डॉलर के मुकाबले अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंचा, लेकिन केंद्रीय बैंक के दखल के बाद थोड़ी स्थिरता देखने को मिली। इसके बावजूद, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के कारण डॉलर इंडेक्स में वृद्धि जारी है। भारतीय रुपये का भविष्य डॉलर के मुकाबले थोड़ा कमजोर दिख सकता है, और कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिसंबर के अंत तक रुपया 85 तक गिर सकता है।

निष्कर्ष

विधानसभा चुनाव के नतीजे और MSCI के रीबैलेंसिंग के परिणामस्वरूप, शेयर बाजार में इस सप्ताह सकारात्मक हलचल देखने को मिल सकती है। महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी परिणामों से राजनीतिक स्थिरता की उम्मीदें हैं, जबकि MSCI में बदलाव से विदेशी निवेश का प्रवाह बढ़ सकता है। बाजार के लिए यह समय पॉजिटिव रहने की संभावना है, हालांकि रुपये की कमजोरी और एफआईआई के निरंतर आउटफ्लो को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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