भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य के विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थलों के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा करते हुए कई बातें दीं, उन्होंने कहा कि ओरछा में विकसित श्री राम राज लोक में भगवान श्री राम के वनवास के दौरान मध्य प्रदेश में हुई प्रमुख घटनाओं का चित्रण किया जाएगा। एक लाइट एंड साउंड शो प्रस्तुति की भी व्यवस्था की जाएगी।
आवास विभाग की स्थानीय स्तर पर प्रबंधन समिति का गठन किया
राज्य में पनप रहे विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक जगतों के लिए आय के स्रोत सुनिश्चित करते हुए उनके निर्माण एवं प्रबंधन की प्रक्रिया निर्धारित की जाएगी ताकि सभी विश्व लंबे समय तक सुव्यवस्थित ढंग से कार्य कर सकें। लोगों के बेहतर प्रबंधन के लिए संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगर विकास एवं आवास विभाग की स्थानीय स्तर पर प्रबंधन समिति का गठन किया जाए।
किराएदार मातृ लोक में भी विकास कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा, आयुर्वेदिक अस्पताल को भादवा माता लोक से जोड़ा जाए, संत रविदास लोकसागर में शोध संस्थान और शैक्षणिक संस्थान विकसित किया जाए। भादवा माता लोक नीमच में श्रद्धालु दर्शन के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ के लिए भी आते हैं, इसलिए आयुर्वेदिक अस्पताल एवं फिजियोथेरेपी सेंटर भी जोड़ा जाना चाहिए।
स्मारकों के लिए कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई
जिस स्थापत्य शैली में मंदिरों का निर्माण किया जाता है उसकी विशेषताओं का संरचनाओं के निर्माण में पालन किया जाना चाहिए। बैठक में सभी विश्वों एवं स्मारकों की कार्ययोजना पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए देश के अन्य राज्यों में राज्य की कला, संस्कृति, वास्तुकला और मुख्य व्यंजनों पर केंद्रित मेलों का आयोजन किया जाना चाहिए। इससे राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत
धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के गौरव का केंद्र बनेगा लोक बैठक में कहा गया कि राज्य में सांस्कृतिक, धार्मिक पुनर्जागरण एवं पर्यटन के विकास के उद्देश्य से 18 लोकों का विकास किया जा रहा है। इनमें से 14 धार्मिक और चार सांस्कृतिक आधारित हैं।
श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का विकास
कुछ धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों का संरक्षण, श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का विकास लोगों के माध्यम से किया जाएगा। युवाओं में धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व की भावना पैदा करने के लिए धार्मिक कहानियों, लोक कलाओं आदि को आधुनिक तकनीक जैसे लाइट एंड साउंड शो, प्रदर्शनी गैलरी और प्रोजेक्शन मैपिंग आदि के माध्यम से भी प्रदर्शित किया जाएगा।