श्रावण मास, भगवान शिव का प्रिय महीना माना जाता है। इस पवित्र महीने में शिवलिंग की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
1. ॐ नमः शिवाय: यह सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्रों में से एक है। इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
2. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिं वर्धनं गुरुं वर्धन्नाभरूहेण संसन्नो भुवत्: यह मृत्यु से मुक्ति और आरोग्य प्राप्ति के लिए शक्तिशाली मंत्र है।
3. ॐ जय गंगाजलधर हर हर महादेव: यह मंत्र भगवान शिव की स्तुति करता है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है।
4. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः: यह मंत्र भगवान रुद्र, जो कि भगवान शिव का एक रूप हैं, की पूजा के लिए है।
5. ॐ मृत्युंजय मंत्र: ॐ सह नाववतु सह नौ भुनкту सह वीर्यं गवामहे तव सुखंस्तव रायस्पोषाय नः रक्षिताह् स्वस्ताह् नः अस्तु भव:** यह मंत्र मृत्यु पर विजय प्राप्त करने और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए शक्तिशाली मंत्र है।
इन मंत्रों के अलावा, आप निम्नलिखित स्तोत्रों का भी जाप कर सकते हैं
- शिव रुद्र स्तोत्र: यह स्तोत्र भगवान शिव के विभिन्न नामों और गुणों का वर्णन करता है।
- शिव चालीसा: यह भगवान शिव की भक्ति का एक लोकप्रिय भजन है।
- लिंगाष्टक स्तोत्र: यह स्तोत्र भगवान शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है।
शिवलिंग पूजा विधि
- सबसे पहले, स्वच्छ जल से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल से धो लें।
- शिवलिंग को गंगाजल, दूध, दही, घी और शहद से स्नान कराएं।
- बेलपत्र, धतूरा, आक, कमल के फूल आदि चढ़ाएं।
- दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं।
- ऊपर दिए गए मंत्रों में से किसी का भी जाप 108 बार करें।
- भगवान शिव से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
- आरती गाएं और भगवान शिव को भोग लगाएं।
शिवलिंग पूजा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- पूजा पूरे मन और श्रद्धा से करें।
- मन में किसी भी प्रकार के नकारात्मक विचार न रखें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- मांस, मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
इन मंत्रों और पूजा विधि का पालन करके आप भगवान शिव को प्रसन्न कर सकते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं।
यह भी ध्यान रखें कि
- शास्त्रों में अनेक प्रकार के मंत्र और पूजा विधियां बताई गई हैं। आप अपनी श्रद्धा और सुविधानुसार इनमें से किसी भी विधि का चुनाव कर सकते हैं।
- यदि आपको किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति करनी है तो आप किसी विद्वान ब्राह्मण या गुरु से सलाह लेकर उसी के अनुसार पूजा कर सकते हैं।
आपको श्रावण मास की शुभकामनाएं!