सेंगोल विवाद: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी द्वारा सेंगोल को संसद में रखे जाने पर की गई टिप्पणी पर निशाना साधा है। मायावती ने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बेहतर होता कि समाजवादी पार्टी देश के कमजोर और उपेक्षित वर्ग के हित में केंद्र सरकार को घेरती। इतना ही नहीं मायावती ने पार्टी नेताओं को सपा की चालों से सावधान रहने को भी कहा है।
1. सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
— Mayawati (@Mayawati) June 28, 2024
सेंगोल विवाद पर बसपा प्रमुख मायावती के विचार
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सेंगोल को संसद में रखे जाने या न रखे जाने पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर और उपेक्षित वर्ग के हित में और आम जनता के हित के मुद्दों पर भी केंद्र सरकार को घेरती।
सपा की चालबाजियों से सावधान रहें: मायावती
मायावती ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में लिखा कि सच्चाई यह है कि यह पार्टी ऐसे ज्यादातर मुद्दों पर चुप रहती है और सत्ता में आने के बाद कमजोर वर्गों के खिलाफ फैसले लेती है। यह उनके महापुरुषों की भी अनदेखी करती है। इस पार्टी की सभी चालबाजियों से सावधान रहें।
2. जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) June 28, 2024
सेनगोल पर क्यों हो रहा है विवाद?
मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने इस संबंध में प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर संसद भवन में सेंगोल लगाए जाने का विरोध किया था। पत्र में उन्होंने सेंगोल को राजशाही का प्रतीक बताया था और इसकी जगह संविधान की विशाल प्रति लगाने की मांग की थी। सपा सांसद की इस मांग के बाद राजनीति गरमा गई है।