मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महाराष्ट्र दौरे पर हैं। रविवारो को आज पीएम मोदी महाराष्ट्र के जलगांव में ‘लखपति दीदियों’ से मुलाकात करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक कार्यक्रम में भाग लिया। जहां महिलाओं ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने कुछ स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों से बातचीत की।
सरकार महिला अपराधों पर सख्त कानून तैयार कर रही
पीएम मोदी ने इस दौरान महिला सुरक्षा को लेकर कहा कि सरकार महिला अपराधों पर सख्त कानून तैयार कर रही है। महिलाओं के साथ किसी भी तरह का अपराध बदार्शत नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार आती जाती रहेगी लेकिन महिलाओं की सुरक्षा करनी है। उन्होंने कहा कि आज मैं देश की सभी जनता और राज्य सरकार से कहूंगा महिला अपराध एक अक्षम्य पाप है।
ऐसा करने वाले किसबी दरिंदे को माफ नहीं किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को 5000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण का वितरण किया। साथ ही सम्मेलन के दौरान लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया। पीएम मोदी के साथ इस दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुंचे।
पोलैंड में महाराष्ट्रीयन का सम्मान
पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, “आज यहां लखपति दीदी का महासम्मेलन हो रहा है। मेरी बहनें यहां बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। आज यहां से देशभर के लाखों सखी मंडलों के लिए 6 हजार करोड़ से अधिक की राशि जारी की गई है। मेरी सभी माताओं-बहनों को बहुत-बहुत शुभेच्छा।” उन्होने महाराष्ट्र की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा, “पोलैंड के लोग, महाराष्ट्र के लोगों का बहुत सम्मान करते हैं।
वहां की राजधानी में एक कोल्हापुर मेमोरियल है। पोलैंड के लोगों ने ये मेमोरियल, कोल्हापुर के लोगों की सेवा और सत्कार की भावना को सम्मान देने के लिए बनाया है। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, पोलैंड की हज़ारों माताओं और बच्चों को कोल्हापुर के राज परिवार ने शरण दी थी।”
पीढ़ियों को कर रहें सशक्त
पीएम मोदी ने कहा कि, ” लोकसभा चुनाव के दौरान जब मैं आपके मिलने आया था, तो मैंने वादा किया था कि हमें 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाना है। इसका मतलब है कि जो महिलाएं स्वयं सहायता समूहों में काम करती हैं और उनकी सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक है।
पिछले 10 साल में एक करोड़ लखपति दीदी बनीं और सिर्फ दो महीने में 11 लाख और लखपति दीदी एक करोड़ बन गईं। लखपति दीदी बनाने का ये अभियान, सिर्फ बहनों-बेटियों की कमाई बढ़ाने का ही अभियान नहीं है। ये पूरे परिवार को, आने वाली पीढ़ियों को सशक्त कर रही है। ये गांव के पूरे अर्थतंत्र को बदल रही हैं।”