अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा भाषण: दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है। आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह सदन का पहला सत्र था। इसमें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी बात रखी। हालांकि, सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके चलते स्पीकर रामनिवास गोयल ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
अरविंद केजरीवाल ने अपने संबोधन में कहा, ‘विपक्ष के नेता मुझे और मनीष सिसौदिया को देखकर दुखी हैं। मोदी जी एक शक्तिशाली नेता हैं, उनके पास असीमित धन और संसाधन हैं, लेकिन मोदी भगवान नहीं हैं। कोई शक्ति है, जो हमारे साथ है। लाखों लोगों की प्रार्थनाओं से मैं जेल से रिहा हुआ हूं।
मैं सुप्रीम कोर्ट को भी धन्यवाद देता हूं। तीन-चार दिन पहले मेरी मुलाकात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से हुई। मैंने पूछा, मुझे जेल भेजकर तुम्हें क्या मिला? तो उन्होंने कहा, आपके पीछे हमने पूरी दिल्ली रोक दी थी। मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था कि देश की राजधानी के दो करोड़ लोगों की जिंदगी खराब करके आपको मजा कैसे आ सकता है? ये कैसा नेता और कैसी पार्टी?’
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 26, 2024
बीजेपी के 75 साल के शासन पर पूछे गए सवाल
केजरीवाल ने अपने भाषण में कहा, ‘मेरी जिंदगी में तीन बार ऐसे मौके आए जब मैंने इस्तीफा दिया। पहली बार 2006 में आयकर विभाग में ज्वाइंट कमिश्नर पद से इस्तीफा दिया, दूसरी बार 2014 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और तीसरी बार अब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है। मुझे किसी पद का लालच नहीं है। एक तरफ बीजेपी के एक नेता हैं, जो अपने सभी नेताओं को 75 साल की उम्र में रिटायर कर देते हैं, लेकिन अपनी बारी आने पर खुद पर यह नियम लागू नहीं करते।’
मेरे पांच नेता जेल गए, लेकिन पार्टी नहीं टूटी: केजरीवाल
बीजेपी पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे पांच नेताओं को जेल में डाल दिया गया, लेकिन मेरी पार्टी नहीं टूटी। उनके दो नेताओं को जेल में डाल दो, उनकी पार्टी टूट जायेगी। उनका कहना है कि जेल जाने से केजरीवाल को नुकसान हुआ है, लेकिन केजरीवाल को कोई नुकसान नहीं है। दिल्ली के दो करोड़ लोगों को परेशानी हुई है। ये लोग लोगों को परेशान कर वोट लेना चाहते हैं।
मैं जेल गया तो इन लोगों ने मेरे बाद दिल्ली की सभी सड़कों की मरम्मत बंद कर दी। अगर मैं मोदीजी से 5 हजार करोड़ लेकर आता और अपने पीछे सड़क बना लेता तो मैं किसके नाम पर बाहर आकर वोट मांगता? इन लोगों ने बुजुर्गों की तीर्थयात्रा भी बंद कर दी, बुजुर्गों की पेंशन भी बंद कर दी। जिससे यह साबित होता है कि केजरीवाल एक ईमानदार व्यक्ति हैं जो लोगों के लिए काम करते हैं।’
सदन में बैठने की व्यवस्था बदल गई है
इस बार विधानसभा सदन में नंबर वन सीट पर आतिशी बैठीं। सीट नंबर 41 पर अरविंद केजरीवाल बैठे थे और उनके बगल में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया बैठे थे। दिल्ली में कुछ महीने पहले सत्ता पक्ष द्वारा काटे गए 1100 पेड़ों को लेकर आज विधानसभा में चर्चा हुई। सत्ता पक्ष का कहना था कि वो पेड़ एलजी वीके सक्सेना के निर्देश पर काटे गए थे। साथ ही विपक्ष की ओर से अजय महावर ने सत्ता पक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पेड़ काटे जा रहे थे तो आपके लोग (सत्ता पक्ष) चुप थे। तब केजरीवाल ने कुछ क्यों नहीं कहा?
बस मार्शल का प्रस्ताव पारित
इसके अलावा दिल्ली विधानसभा में बस मार्शलों के अनुमोदन का प्रस्ताव पारित किया गया। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे दिल्ली सरकार के सभी मंत्री, आम आदमी पार्टी और बीजेपी के सभी विधायक एलजी साहब के पास जाएंगे और बस मार्शल के कन्फर्मेशन पेपर पर हस्ताक्षर करने के बाद ही लौटेंगे। दिल्ली के करीब 10 हजार बस मार्शलों के परिवार बर्बादी की कगार पर हैं।
एलजी साहब ने पहले बस मार्शलों का वेतन रोका, बाद में अरविंद केजरीवाल ने बस मार्शलों के पक्ष में आवाज उठाई और एलजी साहब को पत्र लिखा, लेकिन उन्होंने मार्शलों की पुष्टि नहीं की। अब मैं बीजेपी से कह रहा हूं कि अगले हफ्ते सभी मंत्री और विधायक एलजी साहब के पास जाएंगे और उनसे कहेंगे कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार से बस मार्शलों के अनुमोदन के लिए उन्हें क्या लिखना है। जब तक एलजी साहब मार्शलों को वापस नहीं लौटा देते, हम वहां से नहीं उठेंगे।