नई दिल्ली: दुनियाभर में अभी भी ज्यादातर गाड़ियां पेट्रोल और डीजल से चलती हैं, जिसकी वजह से इनकी डिमांड भी ज्यादा है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में गाड़ियों की संख्या के साथ-साथ पेट्रोल और डीजल के दाम भी बढ़े हैं। हालांकि, बाजारों में इलेक्ट्रिक और सीएनजी गाड़ियों का विकल्प भी मौजूद है। इस बीच आलू से गाड़ियां चलाने की तैयारी हो रही है।
दरअसल, आलू से इथेनॉल बनाने की तैयारी चल रही है, जिसके लिए केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI) ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। ET की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि CPRI के एक प्रस्ताव में आलू से इथेनॉल बनाने के लिए एक पायलट प्लांट लगाने की योजना बनाई गई है। संस्थान इस प्लांट में आलू के कचरे और छिलकों से इथेनॉल बनाने की अपनी तकनीक का परीक्षण करेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इथेनॉल को डीजल और पेट्रोल जैसे जीवाश्म ईंधन का हरित विकल्प माना जाता है और कई देश इसका बड़े पैमाने पर बायोफ्यूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में भी पेट्रोल में इथेनॉल मिलाया जा रहा है और भविष्य में डीजल में भी इथेनॉल मिलाया जा सकेगा। सरकार ने पेट्रोल के बाद डीजल में इथेनॉल मिलाने पर विचार करना शुरू कर दिया है। आपको बता दें कि भारत में फिलहाल इथेनॉल मुख्य रूप से गन्ने और मक्के से बनाया जा रहा है।
बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति के अनुसार, इथेनॉल के उत्पादन के लिए सड़े हुए आलू को फीडस्टॉक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। भारत में आलू के लिए कोल्ड स्टोरेज का सबसे बड़ा नेटवर्क है, वहां से भी इथेनॉल के उत्पादन के लिए अच्छी मात्रा में आलू का कचरा मिल सकता है। ऐसे में इथेनॉल के उत्पादन में फीडस्टॉक के रूप में इसके इस्तेमाल की काफी संभावनाएं हैं।