NEET पेपर लीक मामला: देश में पिछले नौ दिनों में तीन बड़ी परीक्षाएं रद्द या स्थगित कर दी गईं। पहली नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) परीक्षा रद्द कर दी गई क्योंकि छात्र डेढ़ घंटे तक लॉग इन नहीं कर सके। यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। फिर CSIR-UGCNET परीक्षा स्थगित कर दी गई। यानी दो परीक्षाएं रद्द कर दी गईं और एक स्थगित कर दी गई। अब सवाल उठता है कि NEET परीक्षा रद्द क्यों नहीं की जाती? नीट पेपर लीक मामले की जांच जैसे-जैसे रफ्तार पकड़ रही है, आरोपियों की जानकारियां सामने आ रही हैं। तो यहां हम नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की क्राइम कुंडली के बारे में जानेंगे।।।
कौन है संजीव मुखिया उर्फ लूटन?
नीट पेपर लीक को लेकर देशभर में काफी हंगामा मचा हुआ है। यह एक ऐसी परीक्षा है जिसमें पास होने वाले लोग डॉक्टर बनते हैं और लोगों का इलाज करते हैं। लेकिन डर यह है कि जो लोग पैसे देकर डॉक्टर बनते हैं, उनसे इलाज कराना जान के लिए खतरा है। ऐसे लोगों के लिए नीट पेपर लीक करने वाला मास्टरमाइंड संजीव मुखिया पुलिस की रडार से दूर है। वह बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है। जब जांच टीम उनके गांव पहुंची तो उन्होंने कहा कि पेपर लीक में सिर्फ संजीव मुखिया ही नहीं बल्कि उनका बेटा भी शामिल है।
दोनों पिता-पुत्र लाखों युवाओं के भविष्य से समझौता कर रहे थे। खबरों के मुताबिक, संजीव मुखिया ने कालेधन के दम पर अपनी राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश की थी। उन्होंने अपनी पत्नी ममता कुमारी के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा था। वह बुरी तरह चुनाव हार गईं।
चपरासी से संजीव मुखिया बने सरपंच
संजीव मुखिया उर्फ लूटन और उसके बेटे शिव कुमार पर नीट परीक्षा का पेपर लीक करने का आरोप है। संजीव मुखिया पहले किरायेदार थे। इसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और एक ग्राम पंचायत में सरपंच बने। शुरुआत में लोगों की छोटी-मोटी नौकरी करने वाला संजीव कब पेपर लीक माफिया बन गया और कैसे उसने पेपर लीक कर अपना पारिवारिक बिजनेस बना लिया।
संजीव ने कई परीक्षाओं के पेपर लीक किये थे
बिहार पुलिस संजीव मुखिया की तलाश कर रही है। उनके बेटे शिव कुमार ने पटना मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। बिहार पुलिस ने उन्हें दो मामलों में गिरफ्तार किया है। पुलिस को शक है कि संजीव मुखिया ही नीट पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड और किंगपिन है। शिव कुमार बीपीएससी पेपर लीक मामले में पहले से ही जेल में हैं। 2016 में हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में भी संजीव मुखिया का नाम आया था। बिहार लोक सेवा आयोग समेत कई अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में उनकी भूमिका देखी गयी है। संजीव पहले भी जेल जा चुका है, लेकिन उसे जल्द ही जमानत मिल जाती थी।
ईओयू की जांच जारी है
शनिवार (22 जून) को ईओयू ने एक बार फिर तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार को जांच के लिए बुलाया है। सरकारी गेस्ट हाउस बुक करने के मामले में पीतम का नाम सामने आया था। जेल में बंद अनुराग के लिए एक गेस्ट हाउस बुक किया गया था। बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि बुकिंग प्रीतम कुमार के कहने पर की गई थी।