आतंकियों ने इससे पहले जम्मू के रियासी में शिवखोड़ी से लौट रही बस को निशाना बनाया था। यह हमला 9 जून को किया गया था। ये वही दिन था जब पीएम नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ ले रहे थे। इसके बाद कठुआ में निर्दोष लोगों को निशाना बनाया गया। डोडा में तीन दिन में आर्मी बेस पर तीसरा हमला। इसके बाद आतंकियों ने बुधवार रात डोडा में चौथा आतंकी हमला भी किया।
नई दिल्ली। रियासी, कठुआ और डोडा।।। जम्मू क्षेत्र के ये तीन इलाके जहां आतंकियों ने एक बार फिर अपनी गोलियों से हमला करने की कोशिश की। कश्मीर में शांति भंग करने की साजिश नाकाम होते देख आतंकियों ने कश्मीर की बजाय जम्मू क्षेत्र को निशाना बनाया। आतंकियों ने एक दिन में 4 हमलों को अंजाम दिया है। महज 90 घंटे में चार आतंकी हमले कोई संयोग नहीं, बल्कि एक बड़ी साजिश की ओर इशारा करते हैं। आतंकियों के पास से मिले पाकिस्तानी सबूत भी यही बात साबित कर रहे हैं।
शिवखोड़ी से लौट रही तीर्थयात्रियों को बनाया निशाना
जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के सदस्य शपथ ले रहे थे, उसी दिन जम्मू के रियासी में आतंकवादियों ने शिवखोड़ी से लौट रही तीर्थयात्रियों की बस को निशाना बनाया। यह हमला 9 जून को किया गया था। इसके बाद आतंकियों ने कठुआ को निशाना बनाया और तीन दिन में डोडा में सैन्य अड्डे पर तीसरा हमला किया।
हमले में एक भारतीय जवान शहीद हो गया, लेकिन सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया। डोडा में हुए हमले में 5 जवान घायल हो गए। इसके अलावा बुधवार देर रात डोडा में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच एक और मुठभेड़ हुई, जिसमें एक एसपीओ घायल हो गया। इस हमले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि आतंकियों ने अचानक जम्मू को निशाना क्यों बनाया।
नापाक इरादे में नहीं फंसे आतंकियों में दहशत फैल गई
जम्मू क्षेत्र में 80 घंटे के भीतर लगातार तीन हमलों के पीछे आतंकियों में फैली दहशत को सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है। दरअसल, आतंकियों ने हमले के लिए एक खास वक्त चुना जब देश में सरकार बन रही थी। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के दिन और लगभग उसी समय रियासी में तीर्थयात्रियों की बस पर हमला इसका सबूत है।
इसके अलावा आतंकियों की दहशत का एक और कारण कश्मीर घाटी क्षेत्र में आतंक फैलाने की उनकी योजना का लगातार विफल होना है। कश्मीर में बंपर वोटिंग इसका सबूत है। इसके अलावा, आतंकवादियों को कश्मीर में लोकतंत्र पसंद नहीं होगा, जो अब तक एक गणतंत्र था। जम्मू-कश्मीर का बदलता राजनीतिक माहौल भी इसकी वजह हो सकता है, क्योंकि यहां दो पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव हार चुके हैं। कहीं न कहीं आतंकी कश्मीर की शांति को भी नुकसान पहुंचा रहे होंगे।
ये आतंकवाद का पाकिस्तानी सबूत है
कठुआ में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। मारे गए आतंकियों के पास पाकिस्तानी सबूत मिले हैं। दरअसल, 30 राउंड वाली 3 मैगजीन, 24 राउंड वाली 1 मैगजीन, पॉलिथीन बैग में रखी 75 गोलियां, 3 हैंड ग्रेनेड, करीब 1 लाख रुपये और पाकिस्तानी चॉकलेट, सूखे चने के पैकेट, पाकिस्तान में बनी दवाएं और इंजेक्शन भी बरामद हुए। आतंकवादी। ये आतंकी अपने साथ बैटरियों के दो पैकेट पाकिस्तान से भारत लाए थे।