नई दिल्ली: रेलवे में अफसरों की भर्ती संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए होगी। केंद्र सरकार ने यह फैसला भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा परीक्षा (आईआरएमएसई) के जरिए पर्याप्त तकनीकी मैनपावर नहीं मिलने के बाद लिया है। दिसंबर 2019 में कैबिनेट ने एकीकृत रेलवे सेवा को मंजूरी दी थी।
मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने शनिवार को एक ज्ञापन जारी कर जानकारी दी कि गुरुवार को रेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार करते हुए मंत्रालय में तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों तरह के मैनपावर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यूपीएससी सीएसई और यूपीएससी आईएसई के जरिए भर्ती को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि आईआरएमएस से पहले रेलवे में अफसरों की भर्ती यूपीएससी सिविल सेवा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए ही होती थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रेलवे ने 2022 में आईआरएमएस के तहत 150 कर्मियों की भर्ती के लिए यूपीएससी को मांग पत्र भेजा था। लेकिन केवल 130 उम्मीदवारों का चयन किया गया। उनमें से लगभग 40 ने मसूरी में एलबीएसएनएए में प्रशिक्षण के लिए रिपोर्ट किया, जबकि अन्य ने असाधारण अवकाश (ईओएल) का विकल्प चुना। एलबीएसएनएए में रिपोर्ट करने वाले लोग लखनऊ में एक रेलवे संस्थान में प्रशिक्षण के अंतिम चरण से गुजर रहे हैं।
यूपीएससी रेलवे में अधिकारियों की भर्ती करेगा
रेल मंत्रालय ने यूपीएससी चेयरमैन और दूरसंचार विभाग को यह भी लिखा कि उसने सीएसई और ईएसई के माध्यम से भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा परीक्षा (आईआरएमएसई) के माध्यम से अधिकारियों की भर्ती करने का फैसला किया है। अब दूरसंचार मंत्रालय यूपीएससी ईएसई के लिए नोडल मंत्रालय होगा, जो इसके नियमों को अधिसूचित करेगा और आवेदन मांगेगा।
यह कदम पुरानी व्यवस्था पर लौटने जैसा है
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इस तरह यह फैसला पुरानी व्यवस्था पर लौटने जैसा है। TOI की रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘मैनपावर की जरूरत को देखते हुए IRMS रेलवे में काम नहीं कर रहा है। क्या इतिहास की पृष्ठभूमि वाले किसी छात्र को ट्रैक बिछाने का काम सौंपा जा सकता है? सरकार ने इस बात को समझा है। यह एक अच्छा कदम है और रेलवे के लिए अच्छा है।’
IRMS कहलाएगा
आपको बता दें कि नई भर्ती को अब IRMS सिविल, IRMS मैकेनिकल, IRMS इलेक्ट्रिकल, IRMS S&T और IRMS स्टोर्स कहा जाएगा। दूरसंचार मंत्रालय और यूपीएससी से अनुरोध किया गया है कि मौजूदा अधिसूचना में 225 इंजीनियरों की भर्ती को जोड़कर यूपीएससी को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जाए।