लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का पत्र दिखाता है कि केवल संविधान की शक्ति ही तानाशाही सत्ता के अहंकार को चूर-चूर कर सकती है: खड़गे

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नई दिल्ली। लेटरल एंट्री के जरिए नियुक्तियों को लेकर पिछले कई दिनों से बवाल मचा हुआ था। विपक्षी दलों के विरोध के बाद अब सरकार बैकफुट पर आ गई है और उसने लेटरल एंट्री भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगा दी है।

अब इसको लेकर विपक्षी दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का पत्र दिखाता है कि केवल संविधान की शक्ति ही तानाशाही सत्ता के अहंकार को हरा सकती है।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, संविधान जयते! हमारे दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और कमजोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों को नाकाम कर दिया है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का पत्र दिखाता है कि केवल संविधान की शक्ति ही तानाशाही सत्ता के अहंकार को हरा सकती है।

उन्होंने आगे लिखा कि, राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों के अभियान के कारण सरकार ने एक कदम पीछे लिया है, लेकिन जब तक भाजपा-आरएसएस सत्ता में है, तब तक वह आरक्षण छीनने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सभी को सावधान रहना होगा।

बजट में मध्यम वर्ग पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/इंडेक्सेशन का हमला हो या वक्फ बिल को जेपीसी को सौंपना हो या ब्रॉडकास्ट बिल को ठंडे बस्ते में डालना हो – जनता और विपक्ष की ताकत ही देश को मोदी सरकार से बचा रही है।

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