कांग्रेस वर्षों से आरक्षण खत्म करने की साजिश कर रही है, इनसे सावधान रहें: मायावती

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लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है। जब केंद्र में उनकी सरकार में उनका आरक्षण कोटा पूरा नहीं हुआ तो इस पार्टी से न्याय न मिलने के कारण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था।

कांग्रेस पार्टी ने आरक्षण के नाम पर भी धोखा दिया है

मायावती ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, केंद्र में लंबे समय तक सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया और न ही देश में जातिगत जनगणना कराने वाली यह पार्टी अब इसकी आड़ में सत्ता में आने का सपना देख रही है। इनके इस नाटक से सावधान रहें, जो भविष्य में कभी जातिगत जनगणना नहीं करा पाएंगे।

राहुल गांधी के आरक्षण नाटक से सावधान रहें

उन्होंने आगे कहा कि, अब कांग्रेस पार्टी के सर्वोच्च नेता राहुल गांधी के इस नाटक से सावधान रहें जिसमें उन्होंने विदेश में कहा है कि जब भारत बेहतर स्थिति में होगा तो हम एससी, एसटी, ओबीसी का आरक्षण समाप्त कर देंगे। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस वर्षों से इनके आरक्षण को समाप्त करने का षडयंत्र कर रही है। इन वर्गों के लोगों को कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस घातक बयान से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि जैसे ही यह पार्टी केंद्र में सत्ता में आएगी, इस बयान की आड़ में निश्चित रूप से इनका आरक्षण समाप्त कर देगी। इन लोगों को इस पार्टी से सावधान रहना चाहिए जो संविधान और आरक्षण को बचाने का दिखावा कर रही है।

जब तक भारत से जातिवाद समाप्त नहीं होगा, तब तक कोई प्रगति नहीं होगी

बसपा सुप्रीमो ने आगे कहा कि, जबकि हकीकत में कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है। जब केंद्र में उनकी सरकार में उनका आरक्षण कोटा पूरा नहीं हुआ तो इस पार्टी से न्याय न मिलने के कारण बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कानून मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था, लोगों को सावधान रहना चाहिए।

कुल मिलाकर जब तक देश से जातिवाद पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता, तब तक भारत में स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर होने के बावजूद इन वर्गों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति में सुधार नहीं होने वाला है। इसलिए जातिवाद के पूरी तरह से समाप्त होने तक आरक्षण की सही संवैधानिक व्यवस्था को जारी रखना आवश्यक है।

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