मेरठ। दोस्ती करके लोगों को हनीट्रैप में फंसाकर रुपये वसूलने वाले गैंग के बारे में बड़ा खुलासा हो रहा है। दो साल में अब तक ये गैंग मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर और दिल्ली के 50 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये वसूल चुका था। बदनामी के डर से कोई भी गैंग के सदस्यों की शिकायत नहीं करता था। मेरठ के कई दूसरे रईस लोग भी गैंग के निशाने पर थे। पुलिस आरोपियों के मोबाइल को फोरेसिंक लैब जांच के लिए भेज रही है, ताकि पुराना डिलीट किया गया डाटा भी मिल सके।
हनीट्रैक का मामला
परतापुर थाना क्षेत्र के एक शादीशुदा युवक के खिलाफ सुमैया ने खुद को शालू शर्मा बताते हुए दुष्कर्म की तहरीर दी थी। पुलिस ने जांच की तो यह हनीट्रैक का मामला निकला। इस मामले में बृहस्पतिवार को पुलिस ने दो महिलाओं सिमरन उर्फ रुहीना, सुमैया उर्फ शालू, दीपक निवासी डीलना भोजपुर गाजियाबाद, अनिकेत निवासी सैनिक कालोनी कसेरूखेड़ा लालकुर्ती, आसिफ, फिरोज और फहीम निवासीगण दिल्ली को गिरफ्तार किया था।
फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए करते थे शिकार
आरोपियों ने खुलासा किया कि रुहीना ने सिमरन और सुमैया ने शालू नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा रखे थे। गैंग के पांचों पुरुष सदस्य फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए शिकार तलाशते थे। इसके बाद रुहीना और सुमैया को अलग-अलग युवकों को फंसाने का टास्क दिया जाता था। रुहीना और सुमैया ने बताया कि कई बार वह गलत नंबर मिल जाने की बात करती थीं।
कई बार शिकार खुद फंस जाता था। जिसके बाद खुद लोगों का उनके पास फोन आ जाता था। वह खुद ही दोस्ती करने की बात करने लगते थे। इसके बाद रुहीना और सुमैया लोगों के साथ होटल में शारीरिक संबंध बनाती थीं। कई बार मोबाइल से खुद ही वीडियो बना लेती थीं।