महाराष्ट्र बारिश: महाराष्ट्र के नासिक में लगातार बारिश का कहर जारी है। नासिक में भारी बारिश के बाद गोदावरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिससे आम लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में जलभराव की समस्या पैदा हो गई है। वहीं, बारिश के कारण यहां गंगापुर बांध ओवरफ्लो हो गया है। इसके कारण बांध से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके कारण गोदावरी नदी के किनारे गोदा घाट पर बने कई छोटे-बड़े मंदिर पानी में डूब गए हैं।
#WATCH नासिक, महाराष्ट्र: नासिक में भारी बारिश के बाद गोदावरी नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। pic.twitter.com/8m9HxOpnog
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 4, 2024
बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी
बाढ़ के खतरे को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने नदी के आसपास के लोगों को सतर्क रहने और ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है। एहतियात के तौर पर गोदा घाट और निचले इलाकों की दुकानें बंद कर दी गई हैं। मौसम विभाग ने नासिक में आज भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है जबकि सोमवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
फोटो न लेने की अपील- पुलिस
महाराष्ट्र के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मधुकर काद ने बताया, गंगापुर बांध से 8000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। हम लोगों से अपील करते हैं कि वे अपनी सुरक्षा का खुद ध्यान रखें, फोटो लेने के लिए अपनी जान जोखिम में न डालें।
#WATCH नासिक, महाराष्ट्र: वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मधुकर कद ने कहा, "गंगापुर बांध से 8000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है… हमारी लोगों से अपील है कि अपनी सुरक्षा खुद करें, फोटो लेने के लिए अपनी जान जोखिम में मत डालें।" https://t.co/Y87R9GNvE3 pic.twitter.com/6SuEOcVGG0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 4, 2024
पुणे में सेना के जवानों ने संभाला मोर्चा
महाराष्ट्र के पुणे में भारी बारिश और खड़कवासला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद शहर के जलमग्न रिहायशी इलाकों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है। पुणे क्षेत्र के खड़कवासला, मुलशी, पावना और अन्य बांधों से पानी छोड़े जाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। इसके अलावा यह भी निर्देश दिया गया है कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और सेना की मदद से लोगों को खतरनाक इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए जाएं।