प्रदूषण और जहरीली हवा से बचने के लिए प्राणायाम एक प्रभावी तरीका हो सकता है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण प्राणायाम के अभ्यास हैं जो फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं:
1. अनुलोम-विलोम (Alternate Nostril Breathing)
- विधि: आराम से बैठें और दाहिने हाथ के अंगूठे से दाहिने नासिका को बंद करें। बायीं नासिका से धीरे-धीरे श्वास लें। अब दाहिने हाथ की अनामिका से बायीं नासिका को बंद करें और दाहिने नासिका से श्वास छोड़ें। इस प्रक्रिया को उलट कर दोहराएं।
- समय: 5-10 मिनट
2. कपालभाति (Skull Shining Breath)
- विधि: आराम से बैठें और पेट की मांसपेशियों को तेजी से अंदर खींचते हुए श्वास को तेजी से बाहर निकालें। श्वास लेना स्वाभाविक रूप से हो।
- समय: 5-10 मिनट
3. भस्त्रिका (Bellows Breath)
- विधि: तेजी से श्वास अंदर लें और तेजी से बाहर निकालें, जैसे की धौंकनी चल रही हो। इसे लगातार करें, ध्यान रहे कि आपकी साँसें तेज और लयबद्ध हों।
- समय: 3-5 मिनट
4. भ्रामरी (Bee Breath)
- विधि: आराम से बैठें, अपनी आंखें बंद करें, और अपने कानों को अंगूठों से बंद करें। अब अपनी उंगलियों को माथे पर रखें और धीरे-धीरे “हम्म” की ध्वनि करते हुए श्वास छोड़ें।
- समय: 5-10 मिनट
5. उज्जायी (Ocean Breath)
- विधि: गले को संकुचित करते हुए धीरे-धीरे श्वास अंदर लें और श्वास छोड़ें, जैसे समुद्र की लहरें हों।
- समय: 5-10 मिनट
अतिरिक्त सुझाव:
- सुबह जल्दी उठकर खुले वातावरण में प्राणायाम करें, जहां वायु का प्रदूषण कम हो।
- स्वस्थ आहार लें और पानी अधिक पिएं ताकि शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल सकें।
- नियमित व्यायाम करें ताकि फेफड़ों की क्षमता बढ़ सके।
इन प्राणायामों को नियमित रूप से करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और शरीर को जहरीली हवा से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
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