लखनऊ: नई शिक्षा नीति 2020 अब छात्रों को खूब पसंद आ रही है। हालांकि जब इसे लागू किया गया था, तब कई तरह के सवाल उठ रहे थे। लेकिन लखनऊ विश्वविद्यालय ने सभी आशंकाओं को निराधार साबित कर दिया है।
वर्ष 2021-22 के सत्र में कई पाठ्यक्रमों को नए तरीके से डिजाइन किया गया और कुछ विभागों में इसे लागू भी किया गया। अब पिछले तीन सालों में लखनऊ विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को लेकर काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति को लागू करने में लखनऊ विश्वविद्यालय देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों की पहली पंक्ति में रहा है।
नए पाठ्यक्रम और क्रेडिट सिस्टम लागू
इसमें नई जरूरतों के हिसाब से पाठ्यक्रमों को डिजाइन किया गया और क्रेडिट सिस्टम लागू किया गया। लखनऊ विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के प्रोफेसर डीआर साहू कहते हैं कि शुरुआत में छात्रों में झिझक थी लेकिन अब वे इसके फायदे समझने लगे हैं। स्नातक पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया जिससे छात्रों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा है।
स्नातक कार्यक्रम में बदलाव
नए नियम में स्नातक कार्यक्रम को चार साल का कर दिया गया है, लेकिन चौथे साल में ही बाहर निकलने की सुविधा दी गई है। छात्र इसे खूब पसंद कर रहे हैं और हर साल इसका लाभ लेने वालों की संख्या करीब 20 से 30 प्रतिशत है।
इसके अलावा स्नातक पाठ्यक्रमों में एकरूपता लाने की कोशिश की गई है। पहले साल के बाद बाहर निकलने पर सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन साल के बाद डिग्री, पूरी डिग्री और शोध जैसी सुविधाओं से छात्रों की कई मुश्किलें आसान हो रही हैं और किसी भी छात्र का समय या पैसा बर्बाद नहीं हो रहा है।