क्या कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच उत्तर प्रदेश में गठबंधन बना रहेगा? क्या इंडिया ब्लॉक के दल उससे जुड़े रहेंगे? इन बातों को लेकर संशय पैदा हो गया है। यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं। देखने वाली बात होगी कि सपा कांग्रेस के लिए कितनी सीटें छोड़ती है?
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इंडिया गठबंधन का वजूद रहेगा या नहीं…इसको लेकर एक बार फिर संशय पैदा हो गया है। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस को तभी सीटें देगी, जब उसे महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस अपना साझीदार बनाएगी। यूपी में विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-सपा का गठबंधन महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव पर निर्भर करेगा। अगर कांग्रेस इन दो राज्यों में सपा को सीटें देने के लिए तैयार हुई, तभी सपा यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के किसी दावे पर विचार करेगी।
उत्तर प्रदेश की 10 विस सीटों पर होगा उपचुनाव
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यूपी में शीघ्र ही विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर चुनाव होने हैं। इनमें से एक कानपुर की सीट सीसामऊ है, जो सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद रिक्त हुई है। जबकि नौ विधानसभा सदस्य अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं। सपा के चार विधायकों अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा और जियाउर रहमान बर्क की सीटें उनके लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद रिक्त हो गई हैं।
वहीं, खैर से भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से अतुल गर्ग और फूलपुर से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल के भी लोकसभा सदस्य चुने जाने से उनकी सीटें खाली हो गई हैं। मझवा मिर्जापुर से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद और मीरापुर से रालोद के विधायक चंदन चौहान भी अब सांसद बन गए हैं।
कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत सपा से यूपी विधानसभा उपचुनाव में भी साझेदारी चाह रही है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस पर सीटें देने का दबाव बना रही है। देखने वाली बात होगी कि गठबंधन जारी रहेगा या नहीं। एनडीए को इंडिया ब्लॉक ने इस बार लोकसभा चुनाव में कड़ी टक्कर दी।