नई दिल्ली। एनडीए की मुख्य सहयोगी जेडीयू ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में पत्थरबाजों पर नरम रुख अपनाया है। जबकि बीजेपी का पत्थरबाजों पर अलग रुख है। यानी इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के विचारों में अंतर है। बीजेपी की सहयोगी जेडीयू ने कश्मीर में पत्थरबाजों के साथ-साथ राजनीतिक कैदियों की रिहाई का भी वादा किया है। पार्टी की राज्य इकाई ने केंद्र सरकार से पत्थरबाजों के मामलों की जांच कर उन्हें जेलों से रिहा करने की अपील भी की है।
जेडीयू ने अपने घोषणापत्र में दावा किया है कि उसने सैकड़ों पत्थरबाजों के मामलों की समीक्षा करने और जेलों से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है। जानकारी के मुताबिक जेडीयू के घोषणापत्र में लिखा है- शांति और मेल-मिलाप को बढ़ावा देने के लिए मामलों की समीक्षा करें और राजनीतिक कैदियों और पत्थरबाजों की रिहाई की सुविधा प्रदान करें।
840 पत्थरबाज जेलों में बंद हैं
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन ने कहा है- हमें जानकारी मिली है कि घाटी के विभिन्न इलाकों से 840 पत्थरबाज जेलों में बंद हैं। जब नेशनल कॉन्फ्रेंस या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ता में थी, तब उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने कहा कि हमने अपने लोगों की रिहाई का वादा किया है और पार्टी केंद्र के साथ इस पर सक्रिय रूप से काम कर रही है। हमने राजनीतिक कैदियों के लिए भी सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
जदयू ने पिछली सरकारों पर साधा निशाना
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि पिछली सरकारें इस गठजोड़ में शामिल थीं और पैसे के लिए युवाओं को गिरफ्तार कर रही थीं। और यही वजह है कि उनकी रिहाई के लिए गृह मंत्रालय से मामलों की समीक्षा की मांग करनी पड़ी।
18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए जेडीयू ने फिलहाल 2 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। पार्टी का कहना है कि व्यवस्था से नाराज कई उम्मीदवार अब दूसरे चरण के चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर को होगा।
पत्थरबाजों पर भाजपा का अलग रुख
यह साफ है कि जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को लेकर एनडीए में दो अलग-अलग सुर हैं। भाजपा का साफ रुख है कि घाटी में आतंकियों और पत्थरबाजों के परिवारों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी, लेकिन जेडीयू ने अपने घोषणापत्र में पत्थरबाजों पर नरम रुख अपनाकर बड़ा दांव खेला है।
घाटी में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव
जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरा चरण 1 अक्टूबर को होगा। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे।