नई दिल्ली। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार सुबह एक आपात बैठक में इजरायल पर सीधे हमले का आदेश दिया है। यह आदेश तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हनीयेह की हत्या के बाद दिया गया। मीडिया के मुताबिक, यह फैसला लेने से पहले खामेनेई ने ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में अपने वरिष्ठ सैन्य कमांडरों से सलाह ली।
हमास नेता की हत्या के बाद ईरान-इजरायल के बीच तनाव बढ़ा
तेहरान में हमास प्रमुख हनीयेह की हत्या के बाद ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ईरान ने इस हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया है, हालांकि इजरायल ने इस हत्या को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हनीयेह ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने तेहरान आए थे। रात करीब 2 बजे इजरायल ने रॉकेट हमले में हनीयेह की हत्या कर दी। इस घटना ने ईरान के अफसरों को हिलाकर रख दिया है। ईरानी अधिकारी इसे अपनी संप्रभुता पर हमला मान रहे हैं।
ईरान का अगला कदम क्या होगा?
हमास नेता की हत्या के बाद ईरानी सैन्य अधिकारियों ने इजराइल पर संभावित हमले की योजना तैयार की है। इस हमले में ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल कर तेल अवीव और हाइफा के आसपास के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा सकता है। हालांकि, ईरान के सैन्य नेता इस हमले को इस तरह से अंजाम देना चाहते हैं कि नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। साथ ही यमन, सीरिया और इराक में ईरान के सहयोगी समूहों के साथ समन्वित हमले की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
ईरान और इजराइल के बीच पुरानी दुश्मनी है
ईरान और इजराइल के बीच यह दुश्मनी नई नहीं है, लेकिन हाल की घटनाओं ने इसे और भी बढ़ा दिया है। इजराइल का विदेशों में दुश्मनों को मारने का लंबा इतिहास रहा है। इजराइल ने कई ईरानी वैज्ञानिकों और सैन्य कमांडरों को इस तरह से मारा है। हनिया की हत्या ईरान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चूक मानी जा रही है, जिसे इजराइल के गुप्त अभियानों के तहत अंजाम दिया गया।
यह हमला ईरानी धरती पर हुआ। उन्होंने इजरायल को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि इजरायल को इस हत्या के लिए कड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी। ईरान के अन्य शीर्ष अधिकारियों और सैन्य कमांडरों ने भी इस हत्या को लेकर कड़े बयान दिए हैं। ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने भी ईरानी धरती पर हनिया की हत्या की निंदा की है।