Investment Strategy: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच कहां करें निवेश? जानें मोतीलाल ओसवाल की खास रणनीति

शेयर बाजार में अस्थिरता और उतार-चढ़ाव सामान्य होते हैं, खासकर जब वैश्विक समस्याएं जैसे युद्ध, केंद्रीय बैंकों की कड़ी नीतियां और ऊंची कीमतें बाजार पर असर डालती हैं। ऐसे समय में निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना बहुत जरूरी हो जाता है। मोतीलाल ओसवाल, जो एक प्रमुख ब्रोकरेज फर्म है, इस समय के लिए एक संतुलित और स्मार्ट निवेश रणनीति पेश कर रहा है, जो निवेशकों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकता है।

बाजार के अस्थिर माहौल में क्या कहती है मोतीलाल ओसवाल की रणनीति?

मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि हाल की अस्थिरता सिर्फ एक अस्थायी चरण है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से बाजार में बेहतर संभावनाएं बनी हुई हैं। उनकी राय में, कंपनियां अपने कर्ज को घटा रही हैं, जिससे अगले दो वर्षों में उनकी कमाई में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, कई कंपनियां आर्थिक बदलावों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं, जो निवेशकों के लिए अच्छे मौके बना सकते हैं।

मोतीलाल ओसवाल की निवेश सलाह

  1. फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो:
    • 30% निवेश: पोर्टफोलियो का 30% हिस्सा एक्टिवली मैनेज्ड ड्यूरेशन फंड्स में लगाएं। ये फंड बदलते बाजार के हिसाब से फायदा उठाने में मदद करते हैं।
    • लंबी अवधि के G-Sec फंड्स: 15 से 30 साल की मैच्योरिटी वाले गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (G-Sec) फंड्स में निवेश करें। ये निवेश मार्केट-टू-मार्केट (MTM) गेन और अक्य्रूल इनकम का अवसर प्रदान करते हैं।
  2. इक्विटी रणनीति:
    • 30-35% निवेश: पोर्टफोलियो का 30-35% हिस्सा मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड्स या इक्विटी सेविंग फंड्स में लगाएं। ये फंड घरेलू इक्विटी, आर्बिट्राज, फिक्स्ड इनकम, अंतरराष्ट्रीय इक्विटी और सोने जैसे कमोडिटीज के जरिए बेहतर रिटर्न का मौका देते हैं।
    • यदि आप अपने कुल रिटर्न को बढ़ाना चाहते हैं, तो मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) का सुझाव है कि फिक्स्ड इनकम पोर्टफोलियो का 30% से 35% हिस्सा प्राइवेट क्रेडिट स्ट्रैटेजीज, इनविट्स (Infrastructure Investment Trusts) और हाई-यील्ड एनसीडी (Non-Convertible Debentures) में निवेश करें।
  3. अन्य विकल्प:
    • फ्लोटिंग रेट फंड्स: 9-12 महीने की अवधि के लिए फ्लोटिंग रेट फंड्स चुनें, जो बदलते ब्याज दरों के साथ निवेशकों को बेहतर रिटर्न देने में मदद कर सकते हैं।
    • आर्बिट्राज फंड्स: 3-6 महीने की अवधि के लिए आर्बिट्राज फंड्स का इस्तेमाल करें। ये फंड लिक्विडिटी बनाए रखते हुए अनिश्चित बाजार में स्थिर रिटर्न देने में सहायक हो सकते हैं।

सोने और चांदी में निवेश: सुरक्षित और रणनीतिक विकल्प

सोने का आउटलुक:
बाजार की अनिश्चितताओं के बीच, सोना निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बन सकता है। MOPW का कहना है कि जब राजनीतिक या आर्थिक अस्थिरता बढ़ती है, तो सोने की कीमतें बढ़ जाती हैं। खासकर, जब वैश्विक नीतियों में बदलाव होते हैं, तो सोना एक भरोसेमंद निवेश बन सकता है।

चांदी का आउटलुक:
चांदी की मांग में हालिया बढ़ोतरी का कारण इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और औद्योगिक गतिविधियां हैं। साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे सोलर पैनल में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है। यह चांदी को न केवल एक औद्योगिक जरूरत के रूप में, बल्कि एक निवेश के तौर पर भी मजबूत बनाता है।

बाजार में उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहें

मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) की रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि इक्विटी बाजार में रिटर्न हमेशा एक जैसा नहीं रहता। पिछले 25 वर्षों में, बाजार ने 22 बार 10% या उससे अधिक की गिरावट देखी है। ऐसे में, निवेशकों को अस्थिरताओं के लिए तैयार रहना चाहिए और समझदारी से निवेश करना चाहिए।

अब, जहां एक तरफ आसान रिटर्न का दौर खत्म हो चुका है, वहीं निवेशकों को चुनिंदा कंपनियों और सेक्टर्स में ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। विशेषकर, लार्ज कैप कंपनियों की कीमतें अब औसत स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जबकि मिड और स्मॉल कैप कंपनियां अभी भी महंगी हो सकती हैं।

निष्कर्ष

मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि निवेशकों को शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से घबराने की बजाय अपनी निवेश रणनीति को सही दिशा में लगाना चाहिए। लार्ज कैप और मल्टीकैप फंड्स में निवेश करके अगले 3-6 महीनों में धैर्य बनाए रखें, और मिड और स्मॉल कैप में धीरे-धीरे निवेश करने का विचार करें। एकमुश्त निवेश के लिए इक्विटी-ओरिएंटेड हाइब्रिड फंड्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं।

हालांकि बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है, लेकिन एक स्पष्ट और संतुलित निवेश रणनीति के साथ, आप इसे अपने लाभ में बदल सकते हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया The Speed News के  Facebook  पेज को Like व Twitter पर Follow करना न भूलें...

Related posts

Leave a Comment