नई दिल्ली। फर्जी दस्तावेजों के जरिए अफसर बनने वाली ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पूजा खेडकर के खिलाफ यूपीएससी ने धोखाधड़ी के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी। अब दिल्ली पुलिस इस मामले में पूजा खेडकर को तलब करने जा रही है। उन्हें इस सप्ताह के अंत तक नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले की जांच कर रही है और फिलहाल वह पूजा खेडकर के दस्तावेज देखना चाहती है और उनकी जांच करने की तैयारी कर रही है।
पूजा खेडकर ने भी IAS बनने के लिए बदली थी पहचान
19 जुलाई को दिल्ली पुलिस ने दिव्यांग कोटे और ओबीसी आरक्षण के दुरुपयोग के आरोप में पूजा खेडकर के खिलाफ केस दर्ज किया था। इतना ही नहीं, तय सीमा से ज्यादा मौके पाने के लिए दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने का भी आरोप है। यूपीएससी ने भी बयान जारी कर बताया था कि पूजा खेडकर ने भी IAS बनने के लिए अपनी पहचान बदली थी। आरोप है कि पूजा ने अपना नाम बदल लिया था। उसने अपने पिता और मां का नाम भी बदल लिया था। इस पूरे मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपने हाथ में ले ली है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच की कमान क्राइम ब्रांच के ही एक एसीपी को सौंपी है।
पूजा खेडकर के दस्तावेज सरकारी विभागों से हटाए जाएं
फिलहाल क्राइम ब्रांच का फोकस इस बात पर है कि पूजा खेडकर के दस्तावेज अलग-अलग सरकारी विभागों से निकालकर उनकी जांच की जाए। एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सभी दस्तावेजों की जांच के बाद टीम की ओर से पूजा खेडकर को नोटिस भेजा जाएगा। पूजा खेडकर को दस्तावेज दिखाए जाएंगे और फिर अनियमितताओं के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। पूजा खेडकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, धारा 464, धारा 465 और धारा 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पूजा खेडकर 2023 बैच की आईएएस थीं, जो फिलहाल ट्रेनी थीं।
ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर के आरक्षण का किया इस्तेमाल
पूजा खेडकर को ट्रेनी के तौर पर महाराष्ट्र के पुणे भेजा गया था, लेकिन जब वह विवादों में घिर गईं तो उनका तबादला वाशिम कर दिया गया। इतना ही नहीं, जब विवाद बढ़ा तो बाद में उन्हें लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी में वापस बुला लिया गया। आरोप है कि पूजा खेडकर ने कई ऐसी चीजों की मांग की थी, जो उन्हें अधिकारी रहते हुए नहीं मिल सकती थीं। खेडकर पर ओबीसी के नॉन क्रीमी लेयर के आरक्षण का दुरुपयोग करने का आरोप है। इसके अलावा दिव्यांग कोटे का भी दुरुपयोग किया गया।