पीठ की चोट से उबर कर ओलंपिक के लिए तैयार हैं हॉकी खिलाड़ी सुखजीत, भारत को गोल्ड दिलाने का किया दावा

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नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक सुखजीत सिंह पेरिस ओलंपिक में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए बिल्कुल तैयार है। शारीरिक तकलीफों से उबरकर एक बार फिर अपने पैरों पर खड़े हुए सुखजीत सिंह ओलंपिक में देश के लिए मेडल लाने के इरादे से मैदान में उतरने को तैयार है। भारतीय हॉकी खिलाड़ी सुखजीत सिंह का दाहिना पैर पीठ की चोट के कारण अस्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो गया था लेकिन पंजाब का यह खिलाड़ी छह साल पहले की निराशा को पीछे छोड़कर 26 जुलाई से शुरू होने वाले ओलंपिक में टीम के लिए दमदार प्रदर्शन करने को लेकर प्रतिबद्ध है।

28 साल के खिलाड़ी का यह पहला ओलंपिक है

इस 28 साल के खिलाड़ी का यह पहला ओलंपिक है। भारत के लिए 2022 में पदार्पण करने वाले अग्रिम पंक्ति के इस खिलाड़ी ने हॉकी इंडिया से जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ओलंपिक में खेलना हमेशा से मेरे और मेरे परिवार के लिए एक सपना रहा है। यह किसी भी खिलाड़ी के करियर का शिखर है और मैं इस अवसर को पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि मेरी कड़ी मेहनत और समर्पण सफल होगी। मैं अपनी भूमिका को दृढ़ संकल्प के साथ पूरा करने और पेरिस में अपना सब कुछ झोककर कोच और टीम के विश्वास पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

2018 में लकवे के शिकार

जालंधर में जन्मे सुखजीत ने पिता अजीत सिंह (पंजाब पुलिस के पूर्व हॉकी खिलाड़ी) से प्रेरित होकर छह साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया था। अच्छी शुरुआत के बावजूद सीनियर भारतीय टीम में उनकी राह आसान नहीं थी। सुखजीत को 2018 में सीनियर टीम के लिए मुख्य संभावित शिविर में शामिल किया गया था, लेकिन पीठ की गंभीर चोट के कारण उनका दाहिना पैर अस्थायी रूप से लकवाग्रस्त हो गया था। सुखजीत ने कहा, ‘‘ वह समय मेरे जीवन के सबसे कठिन समयों में से एक था। लगभग पांच महीने तक बिस्तर पर पड़े रहना शारीरिक और मानसिक रूप से थका देने वाला था। हॉकी खेलना तो दूर की बात है, मैं चल भी नहीं पा रहा था।”

पिता का मिला साथ

उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन ऐसा महसूस होता था कि हॉकी खेलने का मेरा सपना दूर होता जा रहा था और यह काफी निराशाजनक था।” सुखजीत ने कहा कि उनके परिवार, विशेषकर पिता के अटूट समर्थन से वह वापसी करने में सफल रहे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे फिर से हौसला देने और अपने पैरों पर वापस खड़ा होने में मदद करने उनकी भूमिका महत्वपूर्ण थी। वह मुझे हर हाल में मैदान पर खेलते हुए देखना चाहते थे और इसने मुझे दर्द और चुनौतियों से उबरने की ताकत दी।” चोट से उबरने के बाद सुखजीत ने 2021-22 एफआईएच प्रो लीग सत्र के दौरान स्पेन के खिलाफ अपने पदार्पण मैच में गोल किया। सुखजीत ने देश के लिए खेले गए 70 मैचों में 20 गोल करके अपनी प्रतिभा और निरंतरता को दर्शाया है।

एशियाई खेलों में दिलाया स्वर्ण

उन्होंने भुवनेश्वर में 2023 एफआईएच हॉकी विश्व कप में छह मैचों में तीन गोल करके महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह पिछले साल चेन्नई में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और हांगझोऊ एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीमों का भी हिस्सा थे। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे लिए पिछले दो साल शानदार रहे हैं। अब मेरा पूरा ध्यान पेरिस ओलंपिक पर है। मैं अपनी टीम को सर्वोच्च सम्मान दिलाने में मदद करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

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