योगी की जगह मौर्य को लाने की हाईकमान की योजना विफल!

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  • उत्तर प्रदेश में हार के कारणों पर चर्चा के लिए हुई मीटिंग में योगी मौर्य पर जमकर बरसे
  • नड्डा की मौजूदगी में बोले मौर्य, सरकार से बड़ा है संगठन
  • अतिआत्मविश्वास पहुंचा सकता है नुकसान : योगी ने मौर्य को चुप कराया
  • उत्तर प्रदेश बीजेपी में विधानसभा चुनाव से पहले विवाद की आशंका, विपक्ष बना सकता है मुद्दा

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे।पी। बताया जा रहा है कि नड्‌डा की मौजूदगी में हाथापाई हो गई। इस बैठक से साफ हो गया है कि यूपी में बीजेपी संगठन और सरकार आमने-सामने आ गई है। योगी ने बीजेपी की हार के लिए परोक्ष रूप से नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया और साफ शब्दों में कहा कि बीजेपी अति आत्मविश्वास के कारण हारी।

योगी आदित्यनाथ की जगह केशव प्रसाद मौर्य को बिठाने की हाईकमान की इच्छा फिरा पानी

इस बैठक में योगी ने योगी आदित्यनाथ की जगह केशव प्रसाद मौर्य को बिठाने की हाईकमान की इच्छा पर भी पानी फेर दिया है। यूपी में समाजवादी पार्टी के मजबूत वोट बैंक को देखते हुए बीजेपी ओबीसी वोटरों को खुश करने के लिए सवर्ण योगी की जगह ओबीसी मौर्य को लाना चाहती है, लेकिन योगी की आक्रामकता ने आलाकमान के अरमानों पर पानी फेर दिया है।

केशव प्रसाद ने योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि संगठन सरकार से ऊपर है और कोई भी व्यक्ति या सरकार संगठन से ऊपर नहीं हो सकती। मौर्य ने यह भी चुटकी ली कि कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा भी दर्द है। उन्होंने परोक्ष रूप से सरकार के दरवाजे भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए खुले नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा कार्यालय के दरवाजे कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुले हैं। यूपी में भाजपा कार्यकर्ताओं को न तो पुलिस मानती है और न ही सरकारी कर्मचारी, इसलिए कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए, जिसे भाजपा की हार का मुख्य कारण माना जाता है।

मौर्य की बात का जवाब देते हुए योगी ने कहा कि वह जिस तरह सरकार चलाते हैं, उसी तरह यूपी में भी सरकार चलाएंगे और कोई कुछ भी कहे, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। योगी ने तर्क देते हुए कहा कि अति आत्मविश्वास के कारण यूपी में बीजेपी की हार हुई और हार का ठीकरा संगठन पर फोड़ा गया। योगी ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर केवल सुप्रभात संदेश भेज सकते हैं, लेकिन वे इस बात का जवाब क्यों नहीं दे सके कि विपक्ष यह प्रचार कर रहा है कि सत्ता में आने पर भाजपा संविधान बदल देगी या आरक्षण खत्म कर देगी?

मोदी के प्रधानमंत्री होते हुए भी देश संकट में क्यों है?

कार्यकारिणी में योगी ने कहा कि देश संकट में है। योगी की इस आलोचना को कि मोदी के प्रधानमंत्री होने के बावजूद देश संकट में है, मोदी पर सीधे हमले के तौर पर देखा जा रहा है। योगी ने आक्रामक लहजे में यह भी कहा कि किसी को बैकफुट पर जाने की जरूरत नहीं है। माना जा रहा है कि योगी ने अप्रत्यक्ष रूप से अपने समर्थकों को यह संदेश दिया है। चर्चा यह भी है कि योगी के आक्रामक व्यवहार के बाद अमित शाह ने योगी को फोन कर जवाब मांगा है।

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