नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC ने इस बार डिपॉजिट में बाजी मारी है। बैंक का डिपॉजिट पिछले साल के मुकाबले करीब 16 फीसदी बढ़ गया है। यह जानकारी एचडीएफसी ने स्टॉक एक्सचेंजों के साथ फाइलिंग में Q3 FY25 के लिए अपने व्यावसायिक आंकड़ों का खुलासा करते हुए दी। इसमें बताया है कि एचडीएफसी बैंक का डिपॉजिट जुलाई 2023 में अपनी मूल हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के बैंक के साथ विलय के बाद पहली बार एडवांस से आगे निकल गया।
कितनी आई तेजी?
31 दिसंबर 2024 तक एचडीएफसी बैंक की जमाराशि 25.6 लाख करोड़ रुपये थी। पिछले साल की समान अवधि में यह रकम 22.1 लाख करोड़ रुपये थी। ऐसे में बैंक ने इस साल पिछले साल के मुकाबले डिपॉजिट में 15.8% की वृद्धि दर्ज की है। वहीं बैंक के डिपॉजिट में 30 सितंबर 2024 को 25 लाख करोड़ रुपये (2.5%) की वृद्धि हुई थी।
ग्रॉस एडवांस हुआ धीमा
बैंक का ग्रॉस एडवांस अपनी रणनीति के हिस्से के रूप में धीमा हो गया है। हालांकि इससे मार्जिन पर दबाव पड़ने की उम्मीद है क्योंकि कम वृद्धिशील डिपॉजिट को लोन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, तिमाही के दौरान अधिकांश डिपॉजिट वृद्धि टर्म डिपॉजिट से आई। वहीं एडवांस में गिरावट बैंक की कॉर्पोरेट लोन बुक में 10 फीसदी की गिरावट के कारण हुई।
कितना बढ़ा टर्म डिपॉजिट?
31 दिसंबर 2024 तक बैंक में टर्म डिपॉजिट रकम बढ़कर 16.9 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह 31 दिसंबर 2023 को 13.8 लाख करोड़ रुपये से 22.7 फीसदी और 30 सितंबर 2024 को 16.2 लाख करोड़ रुपये से 4.6 फीसदी अधिक है।
क्या है बैंक का प्लान?
बैंक का प्लान क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को कम करना है। बैंक के एमडी और सीईओ शशिधर जगदीशन के मुताबिक, ‘हम क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात को पहले की अपेक्षा अधिक तेजी से नीचे लाएंगे। वित्त वर्ष 25 में हम शायद सिस्टम की तुलना में धीमी गति से बढ़ेंगे। वित्त वर्ष 26 में हम सिस्टम की वृद्धि दर के बराबर या उसके आसपास हो सकते हैं। वित्त वर्ष 27 में हम सिस्टम की वृद्धि दर से अधिक तेज होंगे।’