नई दिल्ली। गूगल को तगड़ा झटका लगा है। एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार यूके के नियामकों ने शुक्रवार को गूगल की कड़ी आलोचना की और कहा कि वह ब्रिटेन में कॉम्पिटिशन को खत्म करने के लिए डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग में अपने दबदबे का गलत फायदा उठा रहा है।
ब्रिटेन की कॉम्पिटिशन और मार्केट्स अथॉरिटी के अनुसार गूगल ब्रिटेन के 1.8 बिलियन पाउंड (2.4 बिलियन डॉलर) के डिजिटल एडवर्टाइजिंग मार्केट में ऑनलाइन पब्लिशर्स और एडवर्टाइजर्स को नुकसान पहुंचा कर अपनी सर्विसेज को प्राथमिकता देता है। अथॉरिटी ने यह आरोप जांच के बाद लगाया। आरोप साबित होने पर गूगल पर अरबों डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही गूगल को यह आदत बदलने का आदेश भी दिया जा सकता है।
साल 2015 से दबदबे का गलत फायदा उठाने का आरोप
यूके के नियामकों ने कहा कि गूगल साल 2015 से अपने दबदबे का गलत फायदा उठा रहा है, ताकि वह अपने ।कग् ऐड एक्सचेंज की मार्केट पोजिशन को मजबूत बनाने के साथ ही उसे प्रतिद्वंदियों से बचा सके। कॉम्पिटिशन और मार्केट्स अथॉरिटी ने कहा कि ।कग् के जरिए गूगल ऐड टेक सिस्टम में सबसे ज्यादा फीस लेता है, जो बिड्स का करीब 20þ है।
ऐड स्पेस मैनेज करने के लिए सर्वर देता है गूगल
गूगल पूरे डिजिटल ऐड इकोसिस्टम में एक बड़ा प्लेयर है, जो पब्लिशर्स को उनकी वेबसाइट्स और ऐप्स पर ऐड स्पेस मैनेज करने के लिए सर्वर ऑफर करता है। इसके अलावा गूगल ऐडवर्टाइजर्स और मीडिया एजेंसियों को डिस्प्ले ऐड्स खरीदने के लिए टूल भी देता है। यह एक एक्सचेंज भी ऑफर करता है, ताकि गूगल के साथ ऐडवर्टाइजर्स और मीडिया एजेंसियां ऑक्शन पर रियल टाइम में एकसाथ ऐड खरीद और बेच सकें।
गूगल ने दी सफाई
इसी बीच गूगल ने एक बयान जारी करके अपनी सफाई दी है। गूगल ने कहा कि वह तेज कॉम्पिटिशन वाले इस सेक्टर में अपने पब्लिशर और ऐडवर्टाइजिंग पार्टनर्स की पूरी मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही गूगल ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए इस पर जरूरी प्रतिक्रिया देने की भी बात कही है। बताते चलें कि गूगल केके लिए यूरोपियन यूनियन का ऐंटी ट्रस्ट इन्वेस्टिगेशन और यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट में दायर एक केस भी बड़ी टेंशन है क्योंकि यहां भी गूगल के ऐड बिजनेस को लेकर जांच चल रही है और इसका ट्रायल इसी महीने शुरू होने वाला है।