Ghatkopar Hording Collapse Case: होर्डिंग की स्थिरता को सूचीबद्ध करने वाला स्ट्रक्चरल इंजीनियर गिरफ्तार

Remove term: Brihanmumbai Municipal Corporation Brihanmumbai Municipal CorporationRemove term: Ghatkopar Hording Collapse Case Ghatkopar Hording Collapse CaseRemove term: structural engineer structural engineerRemove term: स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज रामकृष्ण सांघू स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज रामकृष्ण सांघू

मुंबई (Mumbai)। घाटकोपर होर्डिंग मामले (Ghatkopar Hording Collapse Case) में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) (Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC)) द्वारा सूचीबद्ध किए गए स्ट्रक्चरल इंजीनियर (structural engineer) को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया है। इंजीनियर ने होर्डिंग लगाने के लिए स्थिरता प्रमाण-पत्र दिया था। एक अधिकारी ने बताया कि इंजीनियर की भूमिका सामने आने के बाद अपराध शाखा ने उसे गिरफ्तार किया है। इंजीनियर को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।

स्ट्रक्चरल इंजीनियर मनोज रामकृष्ण सांघू इस दुर्घटना के सिलसिले में हिरासत में लिए जाने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। वहीं, होर्डिंग गिरने के तीन दिन बाद एगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे को राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।

13 मई को पेट्रोल पंप पर गिरा था होर्डिंग

बता दें कि 13 मई को अचानक तूफान आने के साथ ही बारिश हुई। इस दौरान तेज हवाएं चलने से घाटकोपर इलाके में एक पेट्रोल पंप पर बड़ा होर्डिंग गिर गया, जिससे पेट्रोल पर मौजूद 17 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

तकरीबन 20 फीट गहरी होनी चाहिए थी होर्डिंग की नींव

अधिकारी ने बताया कि मेसर्स एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कब्जे वाली भूमि पर होर्डिंग लगाया था। 120×140 फीट के होर्डिंग को स्थापित करते समय नींव कम से कम 20 फीट गहरी होनी चाहिए थी, लेकिन यह सतही और घटिया थी। उन्होंने कहा, आपत्ति जताने के बजाय सांघू ने इसके लिए स्थिरता प्रमाण-पत्र जारी कर दिया।

एफआईआर में आपराधिक साजिश की धारा जोड़ी

पुलिस ने एगो मीडिया के निदेशकों और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-2 (जब यह जानकारी हो कि किसी के कृत्य के कारण मौत हो सकती है), 338 (दूसरे के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना) और 34 (सामान्य इरादा) सहित आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। अब एफआईआर में धारा 120बी (आपराधिक साजिश) जोड़ी गई है।

भिंडे की पूर्व सहयोगी जान्हवी वांछित आरोपी

वहीं, एगो मीडिया के निदेशक भावेश भिंडे की पूर्व सहयोगी जान्हवी मराठे को वांछित आरोपी के रूप में दिखाया गया है। अधिकारी ने कहा कि उसने अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है, लेकिन पुलिस इस पर आपत्ति जताएगी।

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