नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर चुनाव आयोग ने रविवार 16 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि, ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है। ये अफवाह फैलाई जा रही है। चुनाव आयोग ने कहा कि, ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ना ही किसी ओटीपी की जरूरत होती है और ना ही ये किसी डिवाइस से कनेक्ट होता है। चुनाव आयोग ने ईवीएम पर लगाए सारे आरोपों को निराधार बताया है।
ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता
रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, आज ईवीएम को लेकर जो खबरें सामने आई है, कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है। मैं बताना चाहती हूं कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई ओटीपी नहीं लगता है। ना ही ईवीएम किसी भी डिवाइस से कनेक्ट हो सकता है। अखबार द्वारा पूरी तरह से गलत खबर चलाई जा रही है। जो अखबार में खबर चली है, वो पूरी तरह निराधार है। हमने अखबार को नोटिस भी जारी किया है।
इस अखबार की खबर का जिक्र कर रही हैं रिटर्निंग अधिकारी
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर एक बार फिर से विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क ने भी कहा है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। वहीं मुंबई पुलिस ने शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले मंगेश पांडिलकर के खिलाफ केस दर्ज किया है।
ईवीएम को अनलॉक करने करने के लिए आया था फोन
उनपर आरोप है कि उन्होंने मुंबई के गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था। इस घटना के बाद से ईवीएम को लेकर विवाद हो रहा है। असल में 16 जून को प्रकाशित मिडडे अखबार में ईवीम को लेकर एक खबर छपी है, जिसमें दावा किया गया है कि शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के एक रिश्तेदार के पास ईवीएम को अनलॉक करने वाला फोन था और वही फोन लेकर वह पोलिंग बूथ में अंदर गए थे।
अधिकारी खबरों को बता रहे गलत
रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी इसी अखबार की खबर को पूरी तरह गलत बता रही हैं। इन्हीं सब मुद्दों को देखते हुए भारतीय चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की घोषणा की थी। इस अखबार की खबर का हवाला देकर राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने ईवीएम को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट किए हैं।